मुंबई । मुंबई की जीवन रेखा कही जाने वाली लोकल ट्रेन लोगों का जीवन भी छीन रहीं हैं। वजह ये है कि भारी भरकम भीड़ और धक्का मुक्की के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। मुंब्रा स्टेशन पर हादसे पर सवाल उठ रहे हैं। एक आरटीआई के मुताबिक, बीते तीन वर्षों में मुंबई लोकल में सफर करने वाले 7,560 यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि 7,293 गंभीर रूप से घायल हुए। यह खुलासा मुंबई लोहमार्ग पुलिस (जीआरपी) द्वारा आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में हुआ है। सस्ती, तेज और सुलभ लोकल यात्रा अब खतरनाक बनती जा रही है। अधिक भीड़, सीमित लोकल फेरे, अपर्याप्त सुविधाएं, स्टेशन के प्रवेशद्वारों पर सुरक्षा का अभाव और ट्रैक के पास बैरिकेडिंग की कमी आदि लोकल ट्रेन के हादसों का कारण बन रहे हैं।
रेल यात्री परिषद के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा कि जहां एक ओर मुंबई की लोकल ट्रेनें रोज़ लाखों यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह आंकड़े प्रशासन की लापरवाही की गवाही दे रहे हैं। सुरक्षा इंतजामों की कमी, ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी न होना और सिग्नलिंग सिस्टम की खामियां –इन सभी ने मुंबई की लोकल ट्रेन की यात्रा को असुरक्षित बना दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता समीर जवेरी के मुताबिक, मध्य रेलवे रूट पर सबसे अधिक हादसे ठाणे से कल्याण के बीच हुए हैं। ठाणे और कल्याण जीआरपी थानों में 2024 में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुईं। इनमें कुल 387 लोगों की जान गई और 788 लोग घायल हुए। अकेले कल्याण में 116 मौतें और 157 घायल दर्ज किए गए, वहीं ठाणे में 68 मौतें और 107 घायल। इन अधिकतर मामलों में लोग चलती ट्रेन से गिरकर मौत का शिकार बने।
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