नई दिल्ली । ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशंस एसोसिएशन (जीएसएमए) की ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि भारत की लगभग 47 प्रतिशत आबादी अब भी इंटरनेट से जुड़ी नहीं है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में जीएसएमए एशिया एक अधिकारी ने यह जानकारी साझा की। गोर्मन के अनुसार, डिजिटल पहुंच में सबसे बड़ी बाधा मोबाइल डिवाइस की ऊंची कीमतें और तकनीकी ज्ञान की कमी है। इसके अलावा, मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करने में महिलाएं पुरुषों से 33 प्रतिशत पीछे हैं। यह बढ़ता डिजिटल लैंगिक अंतर देश के समावेशी विकास के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
जीएसएमए की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2013 के 108 अरब डॉलर से बढ़कर 2023 में 370 अरब डॉलर तक पहुंच गई है, और 2030 तक इसके 1,000 अरब डॉलर को पार करने की संभावना है। लेकिन यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर डिजिटल पहुंच और नवाचार में असमानता दूर नहीं की गई, तो 2047 तक भारत के डिजिटल संप्रभुता लक्ष्यों को प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। रिपोर्ट ने यह भी उजागर किया कि भारत डिजिटल बुनियादी ढांचे और मोबाइल अपनाने में अग्रणी है, पर अनुसंधान एवं विकास, निजी क्षेत्र की भागीदारी और कुशल तकनीकी पेशेवरों की उपलब्धता के मामले में अभी भी पिछड़ रहा है।