जब फैसला आने के बाद भावुक हो गई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
मुंबई । महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट मामले के सभी सात आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट ने निर्दोष बरी कर दिया। जिन सात आरोपियों को बरी किया गया है उनमें भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय एकनाथ राहिरकर, प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर उदयभान धर द्विवेदी तथा सुधाकर ओंकारनाथ चतुर्वेदी।
– जब फैसला आने के बाद भावुक हो गई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
फैसला आने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भावुक हो गईं। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, मेरा जीवन बर्बाद कर दिया गया। मुझे 13 दिनों तक अमानवीय यातनाएं दी गईं। मैंने 17 साल तक अपमान सहा। मुझे अपने ही देश में आतंकवादी घोषित कर दिया गया। मैं उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कहूंगी जिन्होंने मुझे इस स्थिति में पहुंचाया। एक साध्वी होने के बावजूद, मैं लगातार मृत्यु का सामना कर रही थी। भगवान को बदनाम किया गया। मैं अदालत की बहुत आभारी हूं कि उसने मेरी बात सुनी और मुझे समझा। मैं आज खुश हूं, कोई तो है जो मेरी आवाज सुन रहा है।
– क्या था मामला ?
मालेगांव के भिक्खु चौक पर 29 सितंबर 2008 में हुए भीषण बम विस्फोट मामले में गुरुवार को अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। करीब 17 साल बाद आए इस फैसले के बाद सभी आरोपी अदालत में भावुक हो गए। परिणाम सुनते ही समीर कुलकर्णी फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा, 17 वर्षों तक हम पीड़ित थे, आरोपी नहीं। आज हमारा पुनर्जन्म हुआ है। अदालत में आरोपी के कठघरे में बैठे अन्य छह आरोपी भी काफी भावुक थे। उन्होंने एक-दूसरे को गले लगाकर और हाथ पकड़कर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।