गोड्डा । असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि आपकी जो पीड़ा है, वो भाजपा का कष्ट है। हम आपसे वादा करते हैं कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही सहारा में फंसा आपलोगों को पाई-पाई धन लौटा देंगे।
सरमा रविवार को महगामा में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, हेमंत सोरेन बोले थे कि जब लड़कियों की शादी होगी तो उनको सोने का सिक्का मिलेगा। ये सोने का सिक्का कहां गया। ये सारा सोना का सिक्का आलमगीर आलम खा गए। उनके घर से 35 करोड़ रुपये बरामद हुए। सोने का सिक्का गरीब को नहीं मिला लेकिन आलमगीर आलम को मिला ताकि ये लोग वोट जिहाद कर सकें। सरमा ने कहा कि 20 तारीख को महगामा में चुनाव होने वाला है। 43 सीटों पर चुनाव हो चुका है। मैं कह सकता हूं कि भाजपा सरकार बनाने के लक्ष्य में आगे बढ़ी है। भाजपा को रोकने में कोई सफल नहीं होगा।
सरमा ने कहा कि पिछली जनसभाओं में लोग मुझको आकर कह रहे थे जामताड़ा ,पाकुड़ और साहिबगंज में शुक्रवार को स्कूल बंद होते हैं। क्योंकि, लोगों को नमाज पढ़ना होता है। शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए बंद होते हैं तो मंगलवार को भी हनुमान पूजा के लिए बंद होना चाहिए। इन लोगों के दिमाग में घुस गया है कि हमें एक ही पक्ष का वोट चाहिए। आपका वोट नहीं चाहिए। उनको उन्हीं लोगों का वोट चाहिए जो लोग शुक्रवार को स्कूल बंद करते हैं।
सरमा ने कहा कि रामनवमी पर कोई जुलूस निकलना चाहता है तो पुलिस बाधा डालती है। गढ़वा में दुर्गा पूजा का विसर्जन करने नहीं देते। लोहरदगा में विसर्जन करने नहीं देते लेकिन मोहर्रम पर शोभा यात्रा होती है, जुलूस निकलते हैं। डंडा लेकर लोग घूमते हैं। हिंदू भाइयों को पीटा जाता है। पुलिस कुछ नहीं करती है।क्योंकि, इस झारखंड सरकार को खाली घुसपैठियों से प्यार है। हमारे साथ उनका कोई संबंध नहीं है। विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए रूम बना देते हैं। मुस्लिम विधायकों को नमाज पढ़ने के लिए अलग रूम चाहिए तो हिंदू भाईयों को हनुमान चालिसा पढ़ने के लिए अलग रूम नहीं चाहिए क्या।
सरमा ने कहा कि संथाल परगना में 1951 में हिंदू 90 प्रतिशत थे लेकिन आज घटकर 67 प्रतिशत हो गए जबकि मुसलमान बढ़कर 31 प्रतिशत हुए। क्या ये देश का मुसलमान है या हमारे देश में घुसपैठिए आ चुके हैं। एनडीए उम्मीदवार आशोक कुमार को जिता दीजिए। घुसपैठियों को चुन-चुनकर हम बाहर निकालेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे समाज और हमारी संस्कृति पर झारखंड में खतरा में है। घुसपैठिया आते हैं और हमारी आदिवासी बेटियों को बरगलाकर जमीन हड़पने के लिए शादी करते हैं। मुखिया चुनाव लड़ने के लिए शादी करते हैं।