नई दिल्ली । बदलती जीवन शैली के कारण आजकल हाई ब्लड प्रेशर समस्या आम है, लेकिन इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ बन जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती लक्षण सामान्यतः स्पष्ट नहीं होते, लेकिन समय के साथ यह स्थिति बढ़ती है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है। खासकर जब बीपी बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो हार्ट अटैक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर तब होता है जब दिल को शरीर में ब्लड पंप करने के लिए सामान्य से ज्यादा दबाव लगाना पड़ता है। इस दबाव के कारण रक्त वाहिकाओं की दीवारें कमजोर और क्षतिग्रस्त होने लगती हैं, जिससे गंभीर मामलों में वे फट भी सकती हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर की रेंज 120/80 एमएम एचजी होती है, जबकि अगर सिस्टोलिक प्रेशर 130 से 139 के बीच और डायस्टोलिक प्रेशर 80 से 90 के बीच होता है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि ब्लड प्रेशर 140/90 एमएम एचजी से ऊपर चला जाए तो हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। इस स्थिति में जल्द ही डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी हो जाता है ताकि आगे की गंभीरताओं से बचा जा सके।
हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इसके कई मामलों में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते। फिर भी कुछ लोगों को तेज सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों का लाल होना, नाक से खून आना, सीने में दर्द और जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जो लोग बीपी से परेशान हैं या जो इस बीमारी के जोखिम में हैं, उन्हें नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर जांचते रहना चाहिए। यदि ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहता है तो यह न केवल हार्ट अटैक बल्कि स्ट्रोक और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है।
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