नई दिल्ली। सरकार अगले महीने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भंडार से थोक खरीदारों को खुले बाजार में गेहूं बेचने पर विचार कर रही है। यह फैसला आगामी त्योहारी सीजन में संभावित मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। पिछले साल एफसीआई ने जून में खुले बाजार में बिक्री शुरू की थी और 10 मिलियन टन गेहूं की रिकॉर्ड मात्रा थोक खरीदारों को बेची थी। व्यापारियों का कहना है कि मौजूदा आपूर्ति स्थिति पर्याप्त है लेकिन त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने पर कीमतों में वृद्धि की संभावना हो सकती है। वर्तमान में एफसीआई के पास 25.89 मिलियन टन गेहूं का भंडार है, जबकि अक्टूबर 1 के लिए बफर स्टॉक 20.52 मिलियन टन है। एक आधिकारिक नोट के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए 18.4 मिलियन टन गेहूं की आवश्यकता होगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार गेहूं की कीमतों पर निगरानी रखे हुए है, जो पिछले छह महीनों से स्थिर रही हैं। खुले बाजार में गेहूं की बिक्री उस समय शुरू की जाएगी जब कीमतों में वृद्धि की संभावना होगी। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार गुरुवार को गेहूं के खुदरा मूल्य की औसत कीमत 28 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले छह महीनों से स्थिर है। खाद्य मंत्रालय ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए एफसीआई के स्टॉक्स से खुले बाजार में 2.5 मिलियन टन गेहूं की बिक्री के लिए आवंटित किया है। एफसीआई गेहूं की बिक्री 2,325 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत पर शुरू करेगी, जो मौजूदा बाजार की कीमतों से लगभग 2,500 रुपए प्रति क्विंटल कम है।
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