अब नए कर्मचारी भी धन निकालने के पात्र होंगे
नई दिल्ली । भविष्य निधि (पीएफ) के खाताधारकों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल केंद्र सरकार ने पीएफ निकालने की लिमिट को बढ़ा दिया है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने घोषणा की है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ग्राहक अब व्यक्तिगत जरूरतों के लिए एक बार में 1 लाख रुपए तक निकाल सकते हैं, जो पहले 50,000 रुपए की सीमा थी। श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के कामकाज में कई बदलाव किए हैं। इनमें लचीलापन बढ़ाने, ग्राहकों के लिए असुविधाएं कम करने के लिए नया डिजिटल ढांचा और नए दिशानिर्देश शामिल हैं। इसके साथ ही अब नए कर्मचारी जिन्होंने अपनी वर्तमान नौकरी में केवल छह महीने पूरे किए हैं, वे भी धन निकालने के पात्र होंगे, जो कि पहले संभव नहीं था। मंत्री मंडाविया ने कहा कि लोग अक्सर शादी और चिकित्सा जैसी जरूरतों के लिए ईपीएफओ की बचत का इस्तेमाल करते हैं। हमने निकासी की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया है क्योंकि पहले की 50,000 की सीमा लोगों की जरूरतों के हिसाब से कम पड़ रही थी। प्रोविडेंट फंड संगठित क्षेत्र के 10 मिलियन से अधिक कर्मचारियों को रिटायरमेंट के लिए आय प्रदान करता है। ईपीएफओ की बचत पर ब्याज दर, जो वित्त वर्ष 2024 के लिए 8.25 फीसदी तय की गई है, वेतनभोगी मध्यम वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क है। साथ ही 17 ऐसी कंपनियां हैं जिनके कर्मचारियों की संख्या 1 लाख से अधिक है और 1,000 करोड़ रुपए का फंड है। अब यदि वे अपने स्वयं के फंड के बजाय ईपीएफओ में स्विच करना चाहें, तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी।
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