देवघर संताल एक्सप्रेस :- पवित्र बाबा बैद्यनाथधाम में दर्शन हेतु आने वाले श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित अनुभव दिलाने के उद्देश्य से पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा ने उपायुक्त को एक विस्तृत पत्र सौंपा है। इस पत्र में उन्होंने दर्शन प्रक्रिया के आधुनिकीकरण और व्यवस्थागत सुधारों को लेकर कई महत्वपूर्ण और व्यावहारिक सुझाव दिए हैं, जिनके क्रियान्वयन से न केवल श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली में भी एक सकारात्मक छवि उभरेगी।
शीघ्र दर्शनम् व्यवस्था में सुधार हेतु विशेष सुझाव
महामंत्री झा ने सुझाया कि शीघ्र दर्शनम् (फास्ट ट्रैक दर्शन) के अंतर्गत जलार्पण हेतु आने वाले श्रद्धालुओं को एक पृथक मार्ग से प्रवेश की अनुमति दी जाए, जिसे टी-प्वाइंट के पास से अलग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर पूर्व उपायुक्त से वार्ता हो चुकी है और उन्होंने श्रावणी मेला 2025 से पूर्व इस योजना के कार्यान्वयन का आश्वासन भी दिया था।
उन्होंने शीघ्र दर्शनम् के प्रभावी संचालन हेतु एक स्वतंत्र प्रबंधन समिति के गठन की मांग की है। इस समिति के अंतर्गत स्थानीय जरूरतमंद युवाओं को एक सेवा दल के रूप में प्रशिक्षित कर नियुक्त किया जाए, जो कतार प्रबंधन, दर्शन सहायता, घुसपैठ रोकथाम एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण जैसे कार्यों में सहयोग प्रदान करें।
टाइम स्लॉट व्यवस्था और कतार प्रबंधन
महामंत्री झा ने दर्शन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने हेतु टाइम स्लॉट आधारित दर्शन व्यवस्था का प्रस्ताव रखा। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक घंटे में 10–15 मिनट का समय शीघ्र दर्शनम् के लिए आरक्षित किया जाए और शेष समय सामान्य श्रद्धालुओं को जलार्पण हेतु समर्पित किया जाए। साथ ही, एक समय में दो स्लॉट के श्रद्धालुओं को कतार में प्रवेश की अनुमति दी जाए, जबकि अन्य श्रद्धालुओं को उमा भवन में एक घंटे पूर्व प्रतीक्षारत रखा जाए।
सामान्य श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु नियमित दिनों में क्यू कॉम्प्लेक्स के अंतर्गत कवर वेटिंग एरिया की व्यवस्था हो, जिससे उन्हें धूप, बारिश एवं अव्यवस्था से बचाया जा सके।
अधोसंरचना विकास और सेवा सुविधाएँ
गर्मी के मौसम में श्रद्धालुओं के बेहोश होने की घटनाओं को देखते हुए उन्होंने संस्कार भवन, शीघ्र दर्शनम् कतार और फुट ओवर ब्रिज जैसे स्थानों पर पेयजल, बिजली और एयर कूलिंग सिस्टम की स्थायी व्यवस्था की मांग की। मंदिर परिसर के कई स्थानों पर मरम्मत की आवश्यकता भी रेखांकित की गई, जिन पर सभा से परामर्श कर शीघ्र कार्रवाई की बात कही गई है।
अन्य महत्वपूर्ण सुझाव
* मंदिर कर्मियों हेतु निर्धारित ड्रेस कोड लागू किया जाए, ताकि श्रद्धालु आसानी से सेवा कार्य में लगे कर्मियों की पहचान कर सकें।
* क्यू कॉम्प्लेक्स के नीचे स्थायी पार्किंग स्थल विकसित कर भीड़ और जाम की समस्या से निजात दिलाई जाए।
* प्रशासनिक भवन के मार्ग से श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए, जिससे सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो सके।
महामंत्री झा ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि इन सभी बिंदुओं पर पूर्व उपायुक्त की सैद्धांतिक सहमति पहले ही प्राप्त हो चुकी है। अब आवश्यकता है कि इन्हें अमल में लाकर श्रद्धालु हित में ठोस और प्रभावी निर्णय लिए जाएं।