गुरुग्राम । भारत के गुरुग्राम में फ्लैट की कीमतें आसमान छू रही हैं। खासकर प्रीमियम सेगमेंट के घर इतने महंगे हो गए हैं कि बुर्ज खलीफा के फ्लैट के रेट भी इससे कम हैं। बीते कुछ सालों में मिलेनियम सिटी गुरुग्राम का रियल एस्टेट मार्केट तेजी से आगे बढ़ा है। यह देखकर बड़ी-बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां अपने लग्जरी प्रोजेक्ट लेकर आईं और सारे फ्लैट बिक भी गए है। अब सवाल उठता है कि क्या गुरुग्राम में फ्लैट लेना बुर्ज खलीफा से भी महंगा है।
गुरुग्राम के प्रीमियम प्रोजेक्ट्स में लक्जरी फ्लैट्स की कीमतें 75 करोड़ से शुरू होकर 190 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी हैं। उदाहरण के लिए, द कैमेलियास में एक पेंटहाउस 16,290 वर्ग फुट का है, इस 190 करोड़ रुपये में खरीदा गया, जो प्रति वर्ग फुट 1.8 लाख रुपये के हिसाब से है। दूसरी ओर, बुर्ज खलीफा में 1 बीएचके फ्लैट की कीमत करीब 3.73 करोड़ रुपये से शुरू होती है, जबकि 2 बीएचके की कीमत 5.83 करोड़ रुपये और 3 बीएचके की कीमत 14 करोड़ रुपये है। बुर्ज खलीफा में प्रति वर्ग फुट की अधिकतम कीमत 92,500 रुपये तक जाती है, जो गुरुग्राम के लक्जरी प्रोजेक्ट्स से काफी कम है।
गुरुग्राम के कुछ सुपर-लक्जरी प्रोजेक्ट्स की कीमतें न केवल बुर्ज खलीफा के बराबर हैं, बल्कि कई मामलों में उससे भी अधिक हैं। उदाहरण के लिए, द डहेलिया में एक अपार्टमेंट की औसत कीमत 100 करोड़ रुपये तक हो सकती है, जो बुर्ज खलीफा के सबसे महंगे पेंटहाउस से अधिक है।
दरअसल कोविड-19 महामारी के बाद, लोग बड़े, खुले और एक्सक्लूसिव स्पेस की तलाश में हैं। गुरुग्राम के सुपर-लक्जरी प्रोजेक्ट्स, इस मांग को पूरा करते हैं। एनआरआई और करोड़पति निवेशकों का रुझान इन प्रीमियम प्रोजेक्ट्स की ओर बढ़ रहा है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं।
द्वारका एक्सप्रेसवे और गोल्फ कोर्स रोड जैसे क्षेत्रों में बेहतर सड़कें, मेट्रो कनेक्टिविटी और सुव्यवस्थित इंफ्रास्ट्रक्चर ने गुरुग्राम को लक्जरी लिविंग हब के रुप में दुनिया के नक्शे पर ला दिया है। गुरुग्राम में ग्लोबल और भारतीय कॉरपोरेट्स की बढ़ती उपस्थिति ने ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ाया है, जिसका सीधा असर आवासीय प्रॉपर्टी की मांग पर पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में गुरुग्राम में घरों की बिक्री 1,06,739 यूनिट्स तक पहुंच गई, जो 2023 की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक है।
भविष्य में क्या संभावनाएं
गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमतों में साल-दर-साल 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अन्य टियर-1 शहरों जैसे चेन्नई (21 प्रतिशत) और बेंगलुरु (14प्रतिशत) से कहीं अधिक है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अभी प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना है। फिर भी, इंफ्रास्ट्रक्चर के निरंतर विकास और मांग-सप्लाई के अंतर के चलते कीमतों में स्थिरता या मामूली वृद्धि की उम्मीद है। इंफ्रास्ट्रक्चर, कॉरपोरेट उपस्थिति, सीमित आपूर्ति और लक्जरी लाइफस्टाइल की बढ़ती मांग ने गुरुग्राम को भारत का सबसे महंगा रियल एस्टेट हब बना दिया है।
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