नई दिल्ली । गर्मी के दिनों में ज्यादातर घरों में चलने वाले कूलर से कई बार मछली जैसी अजीब और असहनीय बदबू आने लगती है, जो न केवल परेशानी बढ़ाती है बल्कि सेहत के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकती है। यह बदबू आमतौर पर लंबे समय तक जमा पानी, गंदे कूलिंग पैड्स और फफूंदी की वजह से पैदा होती है। अच्छी बात यह है कि कुछ आसान घरेलू उपायों से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। सबसे जरूरी है कि कूलर के टैंक का पानी हर दो-तीन दिन में पूरी तरह से बदला जाए। लंबे समय तक एक ही पानी जमा रहने से उसमें बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं, जिससे दुर्गंध फैलती है। पानी बदलते समय टैंक की अच्छी तरह सफाई करना न भूलें। सफाई के दौरान सफेद सिरका या नींबू का रस डालने से बैक्टीरिया खत्म होते हैं और ताजगी भी आती है। कूलर की बदबू का एक बड़ा कारण उसके पुराने और गंदे कूलिंग पैड्स होते हैं। अगर पैड्स धूल और नमी से भर गए हों, तो उन्हें धोना या बदलना जरूरी है। साफ पैड्स से न केवल हवा ठंडी और शुद्ध आती है, बल्कि बदबू भी नहीं आती। इसके अलावा कूलर के टैंक या हवा के रास्तों में थोड़ा बेकिंग सोडा छिड़कना भी असरदार होता है। यह एक प्राकृतिक डियोडराइज़र की तरह काम करता है और दुर्गंध को सोख लेता है। हफ्ते में एक बार कूलर को पूरी तरह खाली कर धूप में रखना भी जरूरी है।
तेज धूप बैक्टीरिया और फफूंदी को मार देती है, जिससे दुर्गंध की जड़ खत्म हो जाती है। कूलर की नियमित सफाई सिर्फ बदबू ही नहीं हटाती, बल्कि संक्रमण और एलर्जी जैसी समस्याओं से भी बचाती है। गंदे कूलर से निकलने वाली हवा में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु सांस की तकलीफ, त्वचा संक्रमण और आंखों में जलन जैसी बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। इसलिए, गर्मियों में ठंडी और ताजगी भरी हवा का आनंद लेने के लिए कूलर की देखभाल को नजरअंदाज न करें। बता दें कि गर्मियों में तेज़ गर्मी से राहत पाने के लिए ज्यादातर घरों में कूलर का इस्तेमाल किया जाता है। कूलर एयर कंडीशनर की तुलना में सस्ता होता है, बल्कि बिजली की खपत भी कम करता है।