नई दिल्ली । हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने और जागने की सही आदतें अपनाकर कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है और शरीर को अधिक ऊर्जा मिल सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रात में जल्दी सोना सेहत के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, हर व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए। जो लोग रात में जल्दी सोते हैं, वे सुबह जल्दी उठ जाते हैं, जिससे शरीर की सर्केडियन रिदम यानी बायोलॉजिकल क्लॉक सही रहती है। इससे शरीर को पर्याप्त आराम मिलता है और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। नींद से जुड़ी कई रिसर्च बताती हैं कि रात 10 से 11 बजे के बीच सो जाना और सुबह 5 से 6 बजे के बीच उठ जाना सबसे अच्छा माना जाता है। कुछ लोग इससे भी पहले सोकर सुबह 4 बजे उठते हैं, जिससे उनकी दिनचर्या और अधिक अनुशासित होती है। स्लीप एक्सपर्ट्स के अनुसार, सोने और जागने का नियमित समय होना सबसे महत्वपूर्ण है।
बार-बार सोने-जागने की टाइमिंग बदलने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति दिनभर थकान या सुस्ती महसूस करता है, तो यह संकेत हो सकता है कि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। नींद की कमी से चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी और याददाश्त कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक कम नींद लेने से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसलिए, हर व्यक्ति को अपनी नींद की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए और एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालनी चाहिए। यदि रात में अच्छी और पर्याप्त नींद मिलेगी, तो सुबह उठकर शरीर में ताजगी और ऊर्जा महसूस होगी, जिससे पूरे दिन की कार्यक्षमता भी बेहतर बनी रहेगी। मालूम हो कि बचपन से ही कहा जाता है कि रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी इस लाइफस्टाइल को अपनाया जाता है, लेकिन शहरी जीवनशैली में यह आदत धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना आजकल आम हो गया है।