स्वस्थ खाना, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। स्वस्थ खाने से बच्चे ऊर्जावान बने रहते हैं तथा बच्चों का दिमाग भी तेज होता है। बच्चों में स्वस्थ खाने की आदत भी परिवार के सदस्य ही डाल सकते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि बच्चों को हर खाद्य पदार्थ के अच्छे और बुरे पहलुओं से अवगत कराया जाए जिससे बच्चों में बचपन से ही स्वस्थ और अच्छे खान पान की आदत बन जाए।
जंक फूड के नुकसान
जंक फूड की ओर बच्चे जल्दी आकर्षित होते हैं लेकिन बच्चों को यह बताना बेहद जरूरी है कि जंक फूड शरीर को किसी भी मायने में फायदा नहीं पहुंचाता। बच्चों को वही भोजन देना चाहिए जो पोषक तत्वों से भरपूर हो। अच्छे पोषक तत्व मोटापा, कमजोर हड्डियां आदि से बचने में सहायता करते हैं।
बच्चों के लिए आवश्यक पोषक तत्व
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है कि हम ऐसे आहार का पालन करें जिससे बच्चें को पूरे पोषण मिल सकें। इसके लिए नीचे दिए गए डाइट प्लान का भी पालन किया जा सकता है।
होल ग्रेन : इसके अंतर्गत बच्चों को व्हीट पेन केक, मल्टीग्रेन टोस्ट, व्हीट ब्रेड का सैंडविच, ब्राउन राइस आदि दिए जा सकते हैं। अन्य होल ग्रेन भी बच्चों को स्वादिष्ट रूप में दिए जा सकते हैं। अनाज का दलिया, अनाज का आटा, मक्का और गेहूं की रोटियां आदि दी जा सकती हैं।
प्रोटीन : बच्चों को प्रोटीन की वैरायटी आहार के रूप में लेने के लिए प्रोत्साहित करें जैसे अंडे, मछली, चिकन, बेक्ड बीन और दालें आदि।
विटामिन और खनिज : विटामिन और खनिज की आपूर्ति के लिए एक बार चिकित्सक से परामर्श करें। बच्चे के वजन और आयु के हिसाब से बेहतर परामर्श मिल सकेगा।
आयरन : आयरन खून बनने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खनिज है। हरी पत्तेदार सब्जी, आयरन के अच्छे स्त्रोत हैं। रोजाना बच्चों के भोजन का एक हिस्सा हरी सब्जियों का होना चाहिए।
फल और सब्जियां : फल और सब्जियों को स्नैक्स के तौर पर भी दिया जा सकता है। इसके अलावा सब्जियों का सूप बनाकर भी दिया जा सकता है। फल और सब्जियों में विटामिन और खनिज की मात्रा ज्यादा होती है। विटामिन और खनिज स्वस्थ त्वचा, अच्छी ग्रोथ, विकास और संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक हैं। सब्जियों में फाइबर भरपूर मात्रा में होती है जिसमें विटामिन ए, सी और सुक्ष्म पोषक जैसे मैग्नीशियम और पोटेशियम पाया जाता है। सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो बच्चों के शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। विटामिन बी से भरपूर खाना साबुत अनाज, मांस और डेयरी प्रोडेक्टस है।
दूध और डेयरी उत्पाद : पनीर, दही, दूध से बनी पुडिंग आदि को शामिल करें। फुल क्रीम दूध भी बच्चों को दिया जा सकता है।
चीनी की मात्रा कम करें।
बच्चों को आर्टिफिशियल शुगर लेने से रोकें, जैसे आर्टिफिशियल ड्रिंक, जूस आदि
किसी भी भोज्य पदार्थ को कम चीनी के साथ स्वादिष्ट बनाकर बच्चों को खिलाने की आदत डालें।
प्रोसेस्ड फूड से बच्चों को दूर रखें जैसे कि सफेद ब्रेड और केक आदि।
घर पर फलों और सब्जीयों को डालकर फ्रोजन करें और बच्चों की ड्रिंक्स में मिलाएं। बच्चों को घर पर ताजा जूस तैयार करके दें।
नमक की मात्रा कम करें
एक टी-स्पून चम्मच में 2300 मिलीग्राम सोडियम होता है। ऐसे में बच्चों को कम नमक दें।
रेस्टोरेंट, प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड से बच्चों को दूर रखें। ऐसे भोज्य पदार्थों में सोडियम होता है जो बच्चों को नुकसान पहुंचाता है।
डिब्बाबंद सब्जियों और फलों की जगह ताजे फल और सब्जियां खाने को दें।
आलू चिप्स, फिंगर चिप्स आदि को कम खिलाएं।
हेल्दी फैट भी है जरूरी
मोनो अन-सैचूरेटेड फैट जो पौधों से निकलने वाली वसा जैसे कनोला तेल, मूंगफली का तेल, जैतून का तेल और सूखे मेवे जैसे अखरोट, बादाम और कूद्दू और सीसम के बीज में पाया जाता है
पोली अन- सैचुरेटेड फैट जिसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 शामिल रहता है। यह मछली, मक्का, सोयाबीन, फ्लैक्स सीड और अखरोट आदि में मिलता है।
ट्रांस फैट जो टॉफियों, चॉकलेट, बेक्ड खाद्य पदार्थों, बिस्किट आदि में पाया जाता है।