नई दिल्ली । पाक अधिकृत कश्मीर में भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच हडकंप मचा हुआ है। पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर-उल-हक ने संकेत दिए कि यदि हालात बिगड़े तो क्षेत्र में आपातकाल लागू किया जा सकता है। सुरक्षा स्थिति को देखते हुए नीलम घाटी और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकटवर्ती संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वहीं, धार्मिक मदरसों को 10 दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है। पीओके सरकार ने दावा किया है कि भारत की आक्रामकता की स्थिति में भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आपातकालीन फंड में एक अरब रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं। साथ ही, होटल, गेस्टहाउस और शादी हॉल के मालिकों ने अपनी संपत्तियां सेना को देने की पेशकश की है। मदरसे किए गए बंद अधिकारियों ने नीलम घाटी और एलओसी के पास अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी। कई पर्यटकों को मार्बल चेकपोस्ट से वापस भेज दिया गया।
लीपा घाटी में निवासियों को एलओसी के पास जाने से मना किया गया है और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करने को कहा गया है। सरकार ने खुफिया जानकारी के आधार पर धार्मिक मदरसों को 10 दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया, क्योंकि आशंका है कि भारत इन संस्थानों को आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बताकर निशाना बना सकता है। कानून मंत्री मियां अब्दुल वाहिद ने कहा कि हम एक ऐसे चालाक, क्रूर और षड्यंत्रकारी दुश्मन से निपट रहे हैं, जिसके किसी भी नीच हरकत से इंकार नहीं किया जा सकता। हवाई सेवाओं पर भी प्रतिबंध कराची और लाहौर के हवाई क्षेत्र में पूरे मई माह के दौरान हर दिन 8 घंटे (सुबह 8 से शाम 4 बजे तक) उड़ानें बंद रखने की घोषणा की गई है। इसी के साथ गिलगित-बाल्टिस्तान में भी उड़ानों पर असर पड़ रहा है। हालांकि, गिलगित-बाल्टिस्तान में हवाई क्षेत्र पहले से ही बंद है, जिसके कारण इस्लामाबाद से गिलगित-स्कर्दू की उड़ानें लगातार दूसरे दिन रद्द रहीं। इसके अलावा, खराब मौसम के कारण इस्लामाबाद में पांच अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें विलंबित या अन्य शहरों में डायवर्ट की गईं।
—————————————
पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर फिर तोड़ा संघर्ष विराम, इस बार कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, नौशेरा और अखनूर में की गोलीबारी
श्रीनगर । पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान की फौज लगातार नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर भारतीय सेना को उकसाने की हरकत करने से बाज नहीं आ रही। भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान सेना की चौकियों की गोलीबारी का माकूल जवाब दिया गया। इस अधिकारी के अनुसार, 01-02 मई की रात पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा के पार जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश के कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, नौशेरा और अखनूर क्षेत्रों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सेना के जवानों ने संयमित और उचित तरीके से जवाब दिया। भारतीय सेना के अनुसार, 30 अप्रैल और 01 मई की रात को भी पाकिस्तान सेना की चौकियों ने जम्मू और कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर के सामने नियंत्रण रेखा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की। भारतीय सेना ने तत्काल उचित जवाब दिया। 29-30 अप्रैल की रात भी पाकिस्तान के सैनिकों ने नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में छोटे हथियारों से अकारण गोलीबारी कर भारत की सेना को उकसाया। पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की घटनाएं कश्मीर घाटी के बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में एलओसी पर भी सामने आई हैं। जम्मू जिले के परगवाल सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी फायरिंग की गई। प्रारंभ में गोलीबारी कुपवाड़ा और बारामूला से शुरू हुई, जो बाद में पुंछ और अखनूर, फिर सुंदरबनी और नौशेरा तक फैल गई। इसके साथ ही परगवाल सेक्टर में भी गोलीबारी की खबरें आईं, जो पिछले सप्ताह के बाद अंतरराष्टीय सीमा पर पहली घटना मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। तब से पाकिस्तान एलओसी पर लगातार अकारण गोलीबारी कर रहा है। इसके मद्देनजर सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। इन क्षेत्रों के नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है। तनावपूर्ण माहौल के बीच सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है।
—————————————
पहलगाम हमला : एनआईए के हाथ लगे पाक को बेनकाब करने वाले सबूत
नई दिल्ली । पाकिस्तान और उसकी जाजूस एजेंसी आईएसआई ने ही आतंकियों से पहलगाम अटैक करवाया। अब भारत उसके खिलाफ सबूत जुटा रहा है, ताकि उसे पूरी दुनिया के सामने रंगे हाथों बेनकाब किया जाए। इस दिशा में जांच एजेंसी एनआईए को बड़ी कामयाबी मिल गई है। सूत्रों का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार हो गई है। इस जांच रिपोर्ट में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी की साजिश के सबूत मिले हैं। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 26 टूरिस्टों की हत्या की गई थी। इतना ही नहीं, नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी की प्रारंभिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि इस पहलगाम आतंकवादी हमले में सबसे बड़ी भूमिका ओवर ग्राउंड वर्करों की थी। सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में इन आवर ग्राउंड वर्करों के जितने भी कॉटेक्ट हैं, उनकी सूची बना ली गई है। अब उन पर प्रशासनिक और अदालती कार्रवाई की भी तैयारी हो रही है। एनआईए ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है। एनआईए की जांच रिपोर्ट जब सरकार को सौंपी जाएगी तो पाक की पोल-पट्टी खोलने के लिए सरकार इसे जारी करेगी। इसके बाद पाकिस्तान को इंटरनेशनल लेवल पर घेरा जाएगा।