बांग्लादेश व मलेशिया ने दिया है करीब 5 करोड़ अंडों का ऑर्डर
नई दिल्ली । बांग्लादेश ने घरेलू महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भारत से अंडों का आयात बढ़ा दिया है, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी दिखने लगा है। कोलकाता के बाजारों में अंडे की कीमत में करीब 25फीसदी की वृद्धि हुई है। यहां अंडे का दाम साढ़े छह रुपये से बढ़कर 8 रुपये प्रति अंडा हो गया है। बांग्लादेश और मलेशिया ने नवंबर-दिसंबर के लिए भारत से करीब 5 करोड़ अंडों का ऑर्डर दिया है। हालांकि, अभी तक केवल 2 करोड़ अंडे ही निर्यात किए गए हैं। बांग्लादेश ने सितंबर से अपने घरेलू बाजार को स्थिर करने के लिए भारत से आयात शुरू किया। बंगाल से अंडे मुख्य रूप से पेट्रापोल-बेनापोल सीमा के जरिए निर्यात किए जाते हैं। निर्यात किए जाने वाले अधिकांश अंडे पश्चिम बंगाल से नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से आते हैं।
भारतीय अंडों के लिए शीर्ष पांच बाजारों में ओमान, मालदीव, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, और कतर शामिल हैं। बांग्लादेश और मलेशिया जैसे नए बाजारों में निर्यात बढ़ने से भी घरेलू आपूर्ति प्रभावित हो रही है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सर्दियों में अंडों की मांग में हर साल वृद्धि होती है, लेकिन इस बार दामों में उछाल काफी तेज है। फेडरेशन के अनुसार, देश में अंडों की कोई वास्तविक कमी नहीं है। हालांकि, बढ़ती लागत और निर्यात से थोक और खुदरा कीमतों पर दबाव बना हुआ है। यह स्थिति न केवल भारतीय पॉल्ट्री उद्योग के लिए नई चुनौतियां पेश कर रही है, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी सर्दियों में महंगे अंडे की परेशानी खड़ी कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों की मांग, मुर्गीदाने की बढ़ती लागत और निर्यात में वृद्धि ने इस मूल्य वृद्धि को बढ़ावा दिया है।पश्चिम बंगाल पॉल्ट्री फेडरेशन के महासचिव मदन मोहन मैती ने बताया कि अंडों की कीमतें पूरे देश में बढ़ी हैं, हालांकि खुदरा दरें 7.5 रुपये प्रति अंडा से अधिक नहीं होनी चाहिए। थोक दर 6.7 रुपये प्रति अंडा है। मैती ने बताया कि मक्के की कमी इस समस्या की मुख्य वजह है। मुर्गीदाने के लिए मक्के की मांग बढ़ने के कारण उत्पादन में कमी आई है। उन्होंने मक्के के उत्पादन को 40% तक बढ़ाने या मुफ्त आयात की अनुमति देने की सिफारिश की है।