दुमका ब्यूरो
दुमका। आश्रित पेंशन चालू करने के लिए बंदोवस्त कार्यालय दुमका में पदस्थापित आदिवासी कर्मी स्व मंगल टुडू कि पत्नी वर्षों तक दर-दर की ठोकर खाती रहीं। आश्रित परिजन आश्रित पेंशन चालू कराने को लेकर कभी मुख्यमंत्री के दरवाजे तो कभी सांसद के तो कभी अधिकारी तो कभी नेता जहां तक संभव हुआ हर जगह पर अपनी कदम पहुंचती रही । हर जगह आश जगती, फिर कुछ दिन के बाद पुनः निराश लौट जाती । समय का क्रम ऐसा चलता रहा,इन्हें आशातिश परिणाम नहीं मिल पा रहा था। अब थक हारकर आश्रित परिजनों को समस्या को निजात दिलाने के लिए इन्हें अब देवदूत का इंतजार था। शायद उनकी मुराद 21 जून को सुनी जानी थी। आशा भरी निगाहों से 21 जून को दुमका दौरे पर आए झारखंड के भाजपा के कद्दावर नेता, पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से दुमका परिसदन में पेंशन आश्रित परिवार अपनी मांगों को लेकर मिले। गंभीरता पूर्वक उनकी समस्याओं को सुना। श्री दास ने इस तकनीकी रूप से बन गए जटिल समस्या को निदान को लेकर महालेखागार रांची से ठोस पहल करते हुए धूल फांकती आश्रित पेंशन फाइल की समस्या से निदान करा कर 24 जून 2025 को आश्रित पेंशन स्वीकृति दिलाने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया । महालेखागार रांची के पत्र पीड़ित आदिवासी आश्रित परिजन ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रति आभार जताया है और कहा कि पूर्व सीएम रघुवर दास आदिवासी के सच्चे हितैषी एवं शुभचिंतक है। उक्त बात की जानकारी पूर्व जिला अध्यक्ष निवास मंडल ने दी है।