नई दिल्ली । दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होगा या नहीं होगा,इसको लेकर संशय बना हुआ है। कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों ही दलों में सीटों का विभाजन हो गया है आप कांग्रेसे को 15 सीटें देने को तैयार है। ये खबर चली ही थी कि दिल्ली के पूर्वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन कयासों को विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सियासी जानकार मानते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने के लिए दोनों ही दल प्रेशर पॉलिटिक्स पर काम कर रहे हैं।
सूत्रों के हवाले से बताया है कि बात फाइनल स्टेज में पहुंच चुकी है। गठबंधन में कांग्रेस और आप के अलावा इंडिया गठबंधन के कुछ अन्य दलों को भी शामिल किया जाएगा। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल और शरद पवार के बीच मुलाकात के बाद गठबंधन की बात सामने आई है। 70 सदस्यीय विधानसभा में आप कांग्रेस को 15 सीटें देने को तैयार है, जबकि इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के लिए 1-2 छोड़ी जाएंगी। बची हुई 54-55 सीटों पर आम आदमी पार्टी लड़ेगी। 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, जबकि आम आदमी पार्टी ने पहले 67 और फिर 62 सीटों पर कब्जा जमाते हुए प्रचंड जीत हासिल की थी।
इससे पहले आप और कांग्रेस ने अकेले ही सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। दोनों दल प्रचार में भी जुट चुके हैं। आप तो 31 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान भी कर चुकी है। ऐसे में गठबंधन को लेकर कई पेंच अब भी बाकी हैं। क्या जिन सीटों पर आप उम्मीदवार ऐलान कर चुकी है उनमें से कोई सीट गठबंधन साथियों के खाते में नहीं जाएगी? या क्या पार्टी उम्मीदवारों का नाम वापस लेकर कांग्रेस या अन्य दलों को प्रत्याशी उतारने का मौका देगी।
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