नई दिल्ली। आज भी भारत के कई दूरदराज इलाके ऐसे हैं जहां डाक पहुंचाना काफी चुनौतीपूर्ण है। इससे निजात पाने के लिए भारतीय डाक विभाग ने एक नई और क्रांतिकारी पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत ड्रोन के माध्यम से चिट्ठियों और पार्सल को पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है। यह योजना विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों के लिए शुरू की गई है, जहां पहुंचाना चुनौतीपूर्ण होता है। डाक विभाग ने इस परियोजना की व्यावहारिकता का आकलन करने के लिए प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) की प्रक्रिया शुरू की है, जो जल्द ही सफल साबित होने की उम्मीद है। हाल ही में, डाक विभाग ने नामसाई और लोहित जिलों में चौखम डाकघर और वाकरो के ब्रांच डाकघर के बीच ड्रोन से चिट्ठी भेजने का परीक्षण किया।
इस परीक्षण के दौरान, ड्रोन ने चौखम डाकघर से उड़ान भरी और सिर्फ 22 से 24 मिनट में वाकरो ब्रांच डाकघर पर पहुंच गया। यह दूरी लगभग 45 किलोमीटर थी। जबकि पारंपरिक तरीकों से यह यात्रा 2 से 2.5 घंटे में पूरी होती थी। यह समय की उल्लेखनीय बचत दर्शाता है, जो इस पहल की सफलता का एक महत्वपूर्ण संकेत है।डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन का उपयोग विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां सड़क परिवहन में अक्सर बाधाएं आती हैं। इस नई पहल से डाक सेवाएं तेज और अधिक कुशल हो जाएंगी। विभाग का मानना है कि ड्रोन का उपयोग न केवल समय बचाने में मदद करेगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल रहेगा। ड्रोन उड़ानें प्रदूषण मुक्त होंगी और इससे प्राकृतिक संसाधनों की भी बचत होगी।
इस परियोजना के सफल संचालन के बाद, डाक विभाग अन्य कठिन इलाकों में भी ड्रोन सेवाओं का विस्तार करने की योजना बना रहा है। इसके लिए विभाग ने स्काई एयर मोबिलिटी के साथ साझेदारी की है, जो ड्रोन तकनीक में विशेषज्ञता रखती है। विभाग की कोशिश है कि आने वाले समय में भारत के हर कोने में चिट्ठियां और पार्सल तेजी से पहुंचाए जा सकें, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां पहुंचने में दिक्कत होती है। इस पहल का उद्देश्य सिर्फ डाक सेवाओं को सुधारना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में संचार की सुविधाएं भी बेहतर बनाना है। ग्रामीण इलाकों में लोग अक्सर जानकारी और संसाधनों के लिए संघर्ष करते हैं, और इस प्रकार की तकनीकी पहल से उनकी जीवनशैली में सुधार हो सकता है।डाक विभाग ने अपने इस कार्यक्रम को लेकर स्थानीय निवासियों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस नई प्रणाली से उनके जीवन में एक नया बदलाव आएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह ड्रोन सेवाएं सफल होती हैं, तो अन्य सरकारी विभाग भी इस तकनीक का उपयोग कर सकते हैं, जिससे सार्वजनिक सेवाएं और भी प्रभावी बन सकती हैं।
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