35 फ़ीसदी बच्चोँ मे स्क्रीन टाइम की वजह से दूर दृष्टि हुईं कमजोर
नई दिल्ली । मेलबर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार दुनिया भर के 35 फ़ीसदी बच्चों में दूर तक देखने की क्षमता काफी कम हो गई है। इन्हें दूर की वस्तु धुंधली नजर आती है। शोधकर्ताओं के अनुसार स्क्रीन के कारण बच्चे मायोपिया नामक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। यदि इनका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो भविष्य में इनका दृष्टि दोष और भी बढ़कर,पास और दूर देखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
मेलबर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन से स्पष्ट हुआ है।13 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 50 फ़ीसदी किशोर आंखों की समस्या से पीड़ित हैं। 6 महाद्वीपों के 50 देशों में सर्वे किया गया है। 5 से 19 वर्ष के 54 लाख बच्चों की आंखों को टेस्ट किया गया है। इसका मुख्य बड़ा कारण शोध में स्क्रीन टाइम माना गया है। स्क्रीन पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करके रखना बच्चों की दूर की दृष्टि को प्रभावित कर रहा है।
अध्ययन कर्ताओं का कहना है, सूर्य की रोशनी से अधिक डोपामिन पैदा होता है। इस आयु वर्ग के बच्चों में दूर की नजर कमजोर होने से रोकने के लिए,आंखों की दृष्टि को कमजोर होने से रोकने के लिए आंखों के विकास की गति को धीमा करने से मदद मिल सकती है।
चश्मे के अलावा दूर की नजर कमजोर होने की स्थिति में आंखों के विकास को धीमा करके हार्ड कॉन्टैक्ट लेंस और एट्रोपिन आई ड्रॉप्स की मदद से दूर की दृष्टि को बेहतर बनाने पर मदद मिली है।