रांची । हाईकोर्ट के सामने संथाल परगना के सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों ने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में प्रशासन ने दावा किया है कि इन जिलों में कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं आया है।झारखंड हाई कोर्ट ने बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में झारखंड सरकार पर प्रश्न उठाए हैं। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब बांग्लादेशी घुसपैठ से इनकार किया जा रहा है तो भला जनजातीय जनसंख्या कैसे घट गई। हाई कोर्ट ने संथाल परगना में जनजातीय समाज, एसटी की जनसंख्या घटने को लेकर प्रश्न पूछे हैं।हलफनामे गोड्डा, देवघर, जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जिलों के प्रशासन की तरफ से दाखिल किए गए हैं। इस हलफनामे में प्रशासन ने दावा किया है कि इन जिलों में कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं आया है। प्रशासन के इस दावे पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में कहा, इस कोर्ट ने संबंधित जिलों के डीसी की ओर से दायर हलफनामे का अध्ययन किया है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेशी प्रवासियों की कोई घुसपैठ नहीं हुई है, लेकिन इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों की संख्या कम होने के कारण के संबंध में कोई बात नहीं बताई गई है।हाई कोर्ट ने आगे इसी मामले पर प्रश्न उठाए हुए कहा, “सवाल यह है कि यहाँ रखे गए आँकड़ों में इस क्षेत्र में (संथाल परगना) अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 1951 में 44.67त्न थी जो वर्ष 2011 में घट कर 28.11त्न तक आ गई। इसे दिनांक 8 अगस्त, 2024 के आदेश में नोट भी किया गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि हलफनामे में इन क्षेत्रों में आदिवासियों की जनसंख्या में कमी के बारे में कोई प्रासंगिक आँकड़े प्रस्तुत नहीं करके उस बिंदु पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि इस मामले की पहले सुनवाई में कोर्ट ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह इनकी पहचान करे। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार राज्य में अवैध रूप से घुसने वालों की पहचान करके आँकड़े तैयार करे और उन्हें राज्य से बाहर करे। इसको लेकर संथाल परगना के जिलों ने कमिटियों का गठन किया था। इन कमिटियों का काम जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना था। अब इस मामले में इन जिलों के प्रशासन ने कहा है कि राज्य में कोई घुसपैठिया नहीं है। जहाँ झारखंड सरकार घुसपैठ की बात को कोर्ट के भीतर नकार रही है वहीं विपक्षी दल दूसरी चिंताएँ जता रहे हैं। हाल ही में भाजपा की रिपोर्ट में सामने आया है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़त 20त्न से 123त्न तक की है। यह बढ़त इन 10 विधानसभा के कुल 1467 बूथ पर हुई है।
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