देवघर। सारठ प्रखंड अंतर्गत बभनगामा गांव की मूल निवासी तथा वर्तमान में लोहरदगा में पदस्थापित अनुमंडल पदाधिकारी ठाकुर गौरी शंकर शर्मा की ज्येष्ठ पुत्री मीनाक्षी ने झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा में वित्त सेवा में वरीयता सूची में द्वितीय स्थान प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि क्षेत्र और जिले का नाम भी रोशन किया है। मीनाक्षी ने वित्त सेवा की सेकेंड टॉपर बनने के साथ ही खोरठा भाषा को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनकर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता अनीता शर्मा, पिता ठाकुर गौरीशंकर शर्मा सहित पूरे परिवार को देते हुए कहा कि यह उनके पिता का सपना था कि वह प्रशासनिक सेवा में जाएं, और उसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने सतत परिश्रम, अनुशासन, धैर्य और असफलताओं से सीखते हुए यह मुकाम हासिल किया। खोरठा विषय चुनने के पीछे की सोच साझा करते हुए मीनाक्षी ने कहा कि यह भाषा झारखंड की अस्मिता से जुड़ी है और झारखंड की सेवा के लिए यह विषय न केवल उपयोगी बल्कि गर्व का कारण भी है। उन्होंने बताया कि उनके चाचा, डॉ विजय शंकर, जो वर्तमान में आर एल सर्राफ उच्च विद्यालय में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं, ने खोरठा विषय को समझने में विशेष मार्गदर्शन दिया तथा देवघर और झारखंड से जुड़ी अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक जानकारियाँ उपलब्ध कराईं, जिससे उन्हें विषय की गहराई को समझने में मदद मिली। मीनाक्षी ने भावी अभ्यर्थियों को संदेश देते हुए कहा कि धैर्य, आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर असफलता कुछ सिखाती है, और वही सीख आगे की सफलता की नींव बनती है। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर परिवार, गांव और लोहरदगा में हर्ष का माहौल है, लोग मिठाई बांटकर खुशी का इजहार कर रहे हैं। मीनाक्षी आज क्षेत्र की बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
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