रांची । झारखंड में उत्पाद (आबकारी) सिपाही भर्ती प्रक्रिया युवाओं के लिए जान की दुश्मन बन गई है। राज्य के विभिन्न केंद्रों पर चल रही दौड़ के क्रम में दो दिनों के भीतर छह अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक सप्ताह के भीतर ऐसे आठ लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं। राज्य में इस नियुक्ति के लिए 22 अगस्त से चल रही शारीरिक जांच परीक्षा में 105 से अधिक अभ्यर्थी बेहोश होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं, जिनमें दर्जनों लोग अभी भी जगह-जगह इलाजरत हैं। दौड़ के समय सबसे ज्यादा अभ्यर्थियों की मौत व बेहोशी के मामले पलामू से सामने आए हैं, जहां दो दिनों में चार लोगों की मौत हो चुकी है और 80 से ज्यादा अभ्यर्थी इलाजरत हैं। पलामू के अलावा हजारीबाग में दो तथा गिरिडीह और पूर्वी सिंहभूम में एक-एक अभ्यर्थी की दौड़ के क्रम में दम फूलने से जान गई है।
दवाएं भी हो सकती हैं मौत का कारण
डाक्टरों का कहना है कि बीमार व बेहोश हुए अभ्यर्थियों के हाव भाव व व्यवहार देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन लोगों ने अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए क्षमता बढ़ाने वाली स्टेरायड जैसी उत्तेजक दवा, इंजेक्शन या एनर्जी ड्रिंक का इस्तेमाल किया है, जिसका इनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा। कुछ ने एनर्जी ड्रिंक लेने की बात स्वीकार भी की है। सिपाही भर्ती के अभ्यर्थियों द्वारा ड्रग्स का इस्तेमाल किए जाने की आशंका में पुलिस ने शनिवार को बहाली स्थल के आसपास की दुकानों में छापेमारी की है।पुलिस एवं प्रशासनिक टीम को आशंका है की बहाली स्थल के पास दुकानों में ताकत बढ़ाने वाली दवा बेची जा रही है।मेदिनीनगर सदर के एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद ने बताया कि छापेमारी के साथ ही संदिग्ध गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। वहीं, तेज धूप और उमस में घंटों लाइन में खड़े रहने और दौड़ने को भी लोग मौत की वजह बता रहे हैं। जिन अभ्यर्थियों की दौड़ के क्रम में मौत हुई है, उनके शवों का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। चिकित्सकों के अनुसार बिसरा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो सकेगा कि मौत की वास्तविक वजह क्या थी। अभी प्रारंभिक तौर पर दौड़ के क्रम में दम फूलने और हृदयगति रुकने के कारण मौत की बात सामने आई है। कारणों की पड़ताल के लिए डाक्टरों की टीम बनाई गई है।
उग्र व्यवहार कर रहे अस्पताल में भर्ती अभ्यर्थी
पलामू के मेदिनीनगर में स्थित मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराए गए कुछ अभ्यर्थी इलाज के दौरान असामान्य और उग्र व्यवहार कर रहे हैं। एक-दो मरीजों ने इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ पर हमले की भी कोशिश की है। अस्पताल के अधीक्षक डा. आरके रंजन ने कहा कि अभ्यर्थियों का हिंसक व्यवहार को देखते हुए ऐसी आशंका है कि उन्होंने उत्तेजक दवाएं ली हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सिपाही बहाली के दौरान अस्पताल में आने वाले अभ्यर्थियों में से अधिकांश ब्लड प्रेशर डाउन था। उन्हें काफी पसीना आ रहा था औऱ सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आक्सीजन लेवल भी बहुत कम था। वहीं, कुछ लोग कोमा में चले गए थे।