रिश्वत में ली मर्सिडीज कार, अवैध संबंध छिपाने महिला को देते थे हर माह दो लाख रुपये
पटना । आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की जांच में खुलासा हुआ है कि हंस ने एक कंपनी को ठेका देने के बदले मर्सिडीज कार रिश्वत में ली थी। इतना ही नहीं, उन पर एक महिला का शारीरिक शोषण और अवैध लेनदेन का भी आरोप लगा हैं।
ईडी को उनकी पत्नी और पूर्व विधायक गुलाब यादव के साथ मिलकर अवैध कमाई को छिपाने के सबूत भी मिले हैं। एसवीयू द्वारा दर्ज प्राथमिकी में खुलासा हुआ है कि संजीव हंस ने प्री-पेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी को ठेका देने के एवज में मर्सिडीज कार रिश्वत में ली थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि यह कार 2023 में खरीदी गई थी, लेकिन इसका निबंधन गुरुग्राम में रहने वाले तरुण राघव के नाम पर है, जो गुर बलतेज सिंह का दोस्त है।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि मर्सिडीज कार को शुरुआत में 2022 में झारखंड की कंपनी एसके एंड सन्स इंटरप्राइजेज के नाम पर खरीदा गया था। बाद में इसे तरुण के नाम पर ट्रांसफर कर दिया। बता दें कि ईडी ने छापेमारी के दौरान संजीव हंस के पास से 70 लाख रुपए मूल्य की 15 महंगी घड़ियां भी बरामद की थीं। पूछताछ में हंस ने बताया कि ये घड़ियां उन्हें कई कंपनियों ने कॉर्पोरेट गिफ्ट के तौर पर दी थीं। हालांकि, ईडी को शक है कि ये घड़ियां भी उन्हें रिश्वत के तौर पर ही मिली थीं। इतने महंगे उपहार लेना अखिल भारतीय सेवा शर्त नियमावली का उल्लंघन है।
आरोप है कि हंस के पूर्व विधायक गुलाब यादव और उनकी पत्नी अंबिका यादव के साथ घनिष्ठ संबंध थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि 2015-2020 और 2022 से अब तक गुलाब यादव और उनकी पत्नी अंबिका यादव झंझारपुर क्षेत्र से बतौर विधायक एवं विधान पार्षद के पद पर काबिज हैं। आरोप है कि गुलाब यादव हंस के कहने पर एक महिला को हर महीने दो लाख रुपए देते थे। यह पैसा हंस के साथ महिला के अवैध संबंधों को छिपाने के लिए दिया जाता था।
हालांकि, ईडी के सामने महिला ने बताया कि गुलाब यादव उसे पहले 25 हजार रुपए महीने देते थे। बाद में यह राशि बढ़ाकर 49 हजार रुपए कर दी गई। नवंबर 2017 से फरवरी 2022 के बीच उसे कुल 29 लाख रुपए दिए गए। यह राशि गुलाब यादव ने उसके बैंक खाते में जमा कराई थी। जांच में यह भी पता चला है कि संजीव हंस ने महिला को लखनऊ में 90 लाख रुपए का एक फ्लैट भी खरीद का दिया था। यह राशि सुनील सिन्हा और उसकी कंपनी मेसर्स एक्स आर्मी मेंस प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य लोग दिव्य प्रकाश एवं शिवराज ने सात बार में महिला के बैंक खाते में जमा कराई थी। ईडी को शक है कि सुनील सिन्हा हंस के काले धंधे में शामिल था।
प्राथमिकी में कहा गया है कि हंस ने उस महिला को सुनील की मदद से हवाला के जरिये दो करोड़ 44 लाख रुपए भेजे थे। सुनील आईएएस अधिकारी के बेहद करीबी थे और उनकी अवैध कमाई के कारोबार में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है। उसने हंस से जुड़े कुछ खास फोटोग्राफ और वीडियो भी ईडी को दिए थे। ईडी को हंस और उनकी पत्नी मोना हंस उर्फ हरलोविलीन कौर के खिलाफ पुणे में एक सीएनजी पंप के संचालन में संदिग्ध लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। यह पंप मेसर्स प्रोग्रोथ इंटरप्राइजेज नामक कंपनी द्वारा संचालित है, जो हंस की पत्नी और गुलाब यादव की संयुक्त कंपनी है। यह पंप 2017 में खोला गया था। जिस जमीन पर यह पंप है, वह अंबिका यादव के नाम पर है।