कोलकाता । पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पूर्व बर्दवान के बड़े हिस्से अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। इस बीच, मैथन, पांंचेत और दुर्गापुर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण हालात और बिगड़ने की आशंका है। सबसे अधिक हावड़ा में बाढ़ के संकेत मिल रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों की भारी बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। लोगों के घरों में पानी घुस गया है, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग नदी किनारे सेल्फी और रील्स बना रहे हैं, जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है। पूर्व बर्दवान की जिलाधिकारी के राधिका अय्यर ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे समय में नदी किनारे जाकर फोटोशूट या रील्स बनाने जैसे खतरनाक काम न करें।
शनिवार को बारिश कम होने के बावजूद पूर्व बर्दवान के बड़े हिस्से जलमग्न हैं। मैथन, पंचेत और दुर्गापुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद प्रशासन को और भी इलाकों के जलमग्न होने की आशंका है। हावड़ा में भी यही स्थिति है। डीवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने से अमता के जयपुर में मुण्डेश्वरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे चार बांस के पुल टूट गए हैं। रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों को आश्वस्त किया कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सोमवार को हालात में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
पूर्व बर्दवान जिले का प्रशासन भी सतर्क है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, डीवीसी और अधिक पानी छोड़ रहा है, जो अगले 18 से 20 घंटों में जिले की नदियों तक पहुंचेगा। हालांकि अभी तक दामोदर और अजय नदियों का पानी खतरे के निशान से नीचे बह रहा है, प्रशासन कोई कमी नहीं रखना चाहता। नदी तटीय क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। फिलहाल फेरी घाट बंद नहीं किए गए हैं, लेकिन फेरी सेवा पर नियंत्रण लगाया जा रहा है। जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
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बाढ़ से हो चुका है इतना नुकसान
जिलाधिकारी अय्यर ने बताया कि जिले में अब तक 220 घर पूरी तरह और 1385 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। अभी तक के अनुमान के अनुसार, बाढ़ में 5570 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन भोजन का प्रबंध कर रहा है और अब तक 24 किचन खोले जा चुके हैं, साथ ही सूखा राशन भी वितरित किया जा रहा है। तिरपाल का वितरण भी जारी है।