– कैसे गति पकड़े सरकारी कामकाज, प्रमुख विभाग कर्मियों से हैं खाली
– सरकार में स्वीकृत पदों के विरुद्ध सिर्फ 38.44 फीसदी कर्मी ही कार्यरत
चंदन मिश्र
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित नई सरकार के कामकाज ने अभी गति नहीं पकड़ी है। विभिन्न विभागों के मंत्री अभी विभागीय बैठकें कर कामकाज समझने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं और सरकारी औपचारिकता निभा रहे हैं। सरकार के आधे दर्जन मंत्री बिल्कुल नए हैं और सरकारी कामकाज से उनका पहली बार वास्ता पड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने जनता से किए गए चुनावी वायदे पूरे करने की कठिन चुनौतियां हैं। अकेले मुख्यमंत्री के बुते यह काम संभव नहीं है। मुख्यमंत्री कैबिनेट के अपने सहयोगी मंत्रियों और सरकारी अफसरों के सहयोग से ही सरकारी योजनाओं को अमली जामा पहना पाएंगे। लेकिन हकीकत तो यह है कि झारखंड के सरकारी महकमे में पौने तीन लाख स्वीकृत पद खाली हैं। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो यह संख्या 2,87,129 पद हैं। राज्य सरकार में स्वीकृत पदों के विरुद्ध मात्र 38.44 फीसदी कर्मचारी ही कार्यरत हैं। यानी सरकारी महकमे में कर्मचारियों की भारी कमी है। आखिर किसके बुते मंत्री या सचिव सरकारी कार्यों और योजनाओं को लागू कर लक्ष्य को अंजाम तक पहुंचाएंगे। सबसे अधिक लगभग दो लाख पद शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में खाली हैं। इनमें प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के सबसे अधिक पद शामिल हैं। इसके बाद दूसरे सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग में भी भारी संख्या में पद खाली हैं। स्वीकृत 42956 पदों में से 31581 पदों पर डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी के पद खाली हैं। अब इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का कामकाज कैसे चल रहा है।
झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बातचीत के क्रम में इन पंक्तियों के लेखक से कहा था कि वित्त और वाणिज्य विभाग के सामने राजस्व वसूली की बड़ी चुनौती है। अधिक से अधिक राजस्व संग्रह के लिए वित्त विभाग अपना अभियान चलाएगा। लेकिन विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर कमी है। जब तक विभाग में कर्मियों की नियुक्ति नहीं होगी, वित्त विभाग अपना अभियान कैसे चला पाएगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि विभाग के सचिव से उन्होंने कहा है कि पहले नीचे के अधिकारियों को प्रोन्नति देकर रिक्त पदों को भरें। फिर सीधी भर्तियों के माध्यम से खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
जानकारी के अनुसार वित्त विभाग में स्वीकृत 1102 पदों में से 823 पद खाली हैं। उसी तरह वाणिज्य कर विभाग में स्वीकृत 1165 पदों में से 703 पद खाली हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में कैसे काम चल रहा होगा। जानकारी के मुताबिक सरकार के सभी प्रमुख विभागों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध भारी संख्या में पद खाली हैं। सरकार इन पदों पर जल्द से जल्द भर्तियां नहीं करेगी तो सरकारी काम काज को गति नहीं मिल पाएगी। फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जनता से किए गए वायदे और संकल्प पूरे होने के रास्ते में कई कठिनाइयां सामने आएंगी। झारखंड संकट झेलता नजर आएगा ।
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