जलसहिया प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के दो पुर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी को सौंपा ज्ञापन और जांच का किया मांग
दुमका ब्यूरो
दुमका (संताल एक्सप्रेस)। जामा प्रखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा शोकपीट एवं नाडेप का निर्माण में हुए गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर रविवार को जलसहिया प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के दो पुर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और नेताप्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी को दुमका परिसदन में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। दरअसल विभाग द्वारा सभी गांव में शोकपीट और नाडेफ निर्माण होना सुनिश्चित किया गया था परन्तु जब पड़ताल हुआ तो पाया गया कि शोकपीट और नाडेप का निर्माण धरातल में हुआ ही नहीं है जिसमें लाखों रुपए की घोटाले होने का मामला उजागर हुआ है। और मिशन से जुड़े जलसहिया एवं ग्रामीण द्वारा सभी पंचायत पंचायत में प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया है और इससे पुर्व जलसहिया प्रतिनिधिमंडल मंडल ने उपायुक्त और विभाग के अफसर को ज्ञापन दिया था जो कि कुछ कारवाई नहीं होने के उपरांत आज जलसहिया प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंप कर उच्चस्तरीय जांच कराने ओर दोषी एजेन्सी पर कारवाई करने की मांग रखी है।जिसमें प्रतिनिधि मंडल ने बताया है कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त प्रतिवेदन को आवेदन सलंग्न कर उपायुक्त को दिया गया। जिसमें जामा प्रखंड के फुलों पानी,बारा, मेघीघटवाली,मेघीसंथाली,नयाडीह,प्राणचक,आसनसोल,लखना,सोनाबाबूपुर,परोगडीह,बाबूकदेली सहित पंद्रह ग्राम में पाए गए तथ्यों का विवरण दिया गया है। जिसमे बताया गया कि बिना निर्माण कार्य किए लाखों का घोटाला सामने आया है । इस विषय पर रविवार को प्रतिनिधि मंडल में शामिल राजमुनी मुर्म, पिंकी देवी,मिनू इंद्रा,सुनीता देवी, उर्मिला कोलिन,रीता देवी,सुनैना देवी, मरियम टुडू आदि जलसहिया ने दोनों पुर्व मुख्यमंत्री को बिंदुवार सभी पंचायत के अंतर्गत नहीं किए गए शोकपीट और नाडेप निर्माण कार्य की जांच कराने और दोषी कर्मी पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।