नई दिल्ली । गर्मियों के दिनों में शरीर को ठंडक देने के लिए छाछ एक ऐसा प्राकृतिक पेय है जो न केवल स्वाद में उम्दा है, बल्कि सेहत, सौंदर्य और मानसिक शांति के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विज्ञान दोनों ही छाछ को एक संपूर्ण औषधि के रूप में मान्यता देते हैं। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स, इलेक्ट्रोलाइट्स और विटामिन्स पाचन को दुरुस्त रखते हैं, शरीर में तरल संतुलन बनाए रखते हैं और डिहाइड्रेशन से भी बचाते हैं। वजन घटाने की प्रक्रिया में छाछ का नियमित सेवन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। सेंधा नमक के साथ इसका उपयोग भूख को नियंत्रित करता है।
उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों के लिए इसमें गिलोय चूर्ण मिलाकर पीना विशेष लाभकारी होता है। मानसिक थकान, तनाव और एकाग्रता की कमी जैसे लक्षणों में भी छाछ को रामबाण माना गया है। सुबह-शाम एक गिलास छाछ पीना स्मरण शक्ति को बढ़ावा देता है और दिमाग को तरोताजा रखता है। घरेलू नुस्खों में भी छाछ की उपयोगिता निर्विवाद है। सौंठ या जायफल के साथ इसका सेवन हिचकी, मिचली या उल्टी जैसी समस्याओं में राहत देता है। सौंदर्य के क्षेत्र में छाछ से बना फेस पैक झुर्रियों और टैनिंग से बचाता है, जबकि मुंहासों और बालों के झड़ने जैसी समस्याओं में भी यह बेहद असरदार है।
मानसिक शांति के लिए छाछ एक प्राकृतिक उपाय है और त्वचा रोगों में इसका बाहरी प्रयोग भी फायदेमंद होता है। अमलतास की पत्तियों के साथ इसका उपयोग खुजली में आराम देता है। दांत और मसूड़ों की देखभाल में छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड और कैल्शियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे ओरल हाइजीन बेहतर बनी रहती है। मूत्र मार्ग की जलन, फूड पॉयज़निंग के बाद की कमजोरी या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं में भी छाछ विशेष राहत देती है। इसमें धनिया, मिश्री, मेथी या हल्दी मिलाकर सेवन करने से इसके औषधीय गुण और बढ़ जाते हैं।
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