इंदौर । इंदौर स्थित सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हथियार संग्रहालय को एक असाधारण उपहार मिला है – एक दुर्लभ 1914 का वेबले .455 मार्क 5 रिवॉल्वर, जिसकी अंतरराष्ट्रीय एंटीक हथियार बाजार में कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। यह अनमोल हथियार झारखंड के एक व्यवसायी, नंदलाल रूंगटा ने अपने दिवंगत पिता सीताराम रूंगटा की चिरस्थायी स्मृति में दान किया है।
यह रिवॉल्वर, जो मूल रूप से सीताराम रूंगटा का था, अब BSF के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपन्स एंड टैक्टिक्स (CSWT) संग्रहालय की शोभा बढ़ाएगा। नंदलाल रूंगटा का यह फैसला सिर्फ एक दान नहीं, बल्कि अपने पिता के प्रति गहरा सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। ऑल इंडिया BSF एक्स-सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार जैन ने इस भावुक पहल की सराहना करते हुए कहा, इस रिवॉल्वर की कीमत करोड़ों में है, लेकिन रूंगटा ने इसे अपने पिता की स्मृति को अमर बनाने के लिए BSF संग्रहालय को दान करने का फैसला किया।
रूंगटा को दो साल पहले कोलकाता के एक समाचार पत्र में CSWT के हथियार संग्रहालय पर प्रकाशित एक लेख से प्रेरणा मिली थी। इसके बाद, पश्चिम सिंहभूम जिले के शस्त्र मजिस्ट्रेट से आवश्यक कानूनी अनुमति प्राप्त करने के बाद, रिवॉल्वर को औपचारिक रूप से BSF को सौंप दिया गया। इस प्रक्रिया में अजय कुमार जैन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
:: इतिहास को सँजोता BSF संग्रहालय ::
यह दुर्लभ रिवॉल्वर अब BSF संग्रहालय में सुरक्षित रहेगा, जहाँ यह आने वाली पीढ़ियों को हथियारों के समृद्ध इतिहास से अवगत कराएगा। 1967 में BSF के पहले महानिदेशक के.एफ. रुस्तमजी की दूरदर्शिता से स्थापित इस संग्रहालय में लगभग 300 दुर्लभ हथियार मौजूद हैं। इनमें 14वीं शताब्दी से लेकर आधुनिक काल तक की बंदूकें, पिस्तौल, रिवॉल्वर, राइफलें, सब-मशीन गन, लाइट मशीन गन, मीडियम मशीन गन, रॉकेट लॉन्चर, मोर्टार और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं। यह दान इस अद्वितीय संग्रह में एक और ऐतिहासिक अध्याय जोड़ता है।