23 नवम्बर को खुलेगा मतदान प्रतिशत बढऩे का राज
सुमन सिंह
दुमका।दूसरे चरण के मतदान में राज्य के अन्य सीटों की तरह ही संताल परगना के सभी 18 विधानसभा क्षेत्रों में बंपर वोटिंग हुई है।चुनाव आयोग ने जो मतदान प्रतिशत जारी किया है,उससे पता चलता है कि 2019 की तुलना में अधिकांश सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है।दुमका में ही 2019 के चुनाव की तुलना में मतदान करीब 5 प्रतिशत बढ़ गया है।जामा विधानसभा क्षेत्र में 2019 में जहां 69.50 प्रतिशत वोटिंग हुई थी,इस चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ कर 71.27 प्रतिशत हो गया।जरमुंडी में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में लगभग समान है।पर शिकारीपाड़ा में मतदान प्रतिशत में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। इस विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत 73.25 था जो इस चुनाव में बढ़ कर 74.31 प्रतिशत हो गया।संताल परगना के दूसरे जिलों में भी मतदान प्रतिशत बढ़ा है।
संताल परगना की सीटों पर सुबह से बूथों पर वोटरों की लंबी कतार रही।शहरी क्षेत्र की अपेक्षा गांवों में मतदान केंद्रों पर अधिक संख्या में मतदाता उमड़े।युवाओं और महिला वोटरों के बीच अधिक उत्साह दिखा।नौकरी और पेपर लीक मामले को लेकर युवाओं में आक्रोश था।इस चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा और बंटोगे तो कटोगे जैसा नारा उछाला था, इससे कई विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की गोलबंदी हुई थी।चुनाव में वोटरों का यह उत्साह और मतदान प्रतिशत में यह बढोत्तरी का कई मायने मतलब निकाले जा रहे हैं।एनडीए के लोग इसे सत्ता परिवर्तन का संकेत मान कर चल रहे हैं।जैसा कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक बयान में कहा कि जनता की आंखों में परिवर्तन की ललक थी।झारखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए जनता भाजपा को वोट किया है।दूसरी ओर झामुमो-कांग्रेस नेताओं का मानना है कि झारखंड की जनता ने सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित हो कर इंडी गठबंधन के पक्ष में जम कर मतदान किया है।मंइया सम्मान योजना और बिजली माफी योजना हेमंत सरकार की लोकप्रिय योजना है जो चुनाव के दौरान काफी चर्चित हुआ।मतदान केंद्रों पर महिला वोटरों के उमड़ने की बड़ी वजह मइया सम्मान योजना भी मानी जा रही है।23 नवम्बर को मतगणना है।ईवीएम खुलने पर ही यह साफ होगा कि चुनाव में हुई बंपर वोटिंग सत्ता परिवर्तन का संकेत था कि मंइया योजना को महिला वोटरों द्वारा दिया गया सम्मान।