नई दिल्ली । खेल प्रेमियों के लिए शुक्रवार का दिन खास रहा, जब ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए पेरिस डायमंड लीग का खिताब अपने नाम कर लिया। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 88.16 मीटर दूर भाला फेंककर मुकाबले में बढ़त बना ली, जो अंत तक कायम रही। उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी जूलियन वेबर 87.88 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। यह जीत नीरज के लिए खास इसलिए भी रही क्योंकि इससे पहले वह दोहा डायमंड लीग और जानुज कुसोसिंस्की मेमोरियल में लगातार दो बार दूसरे स्थान पर रहे थे, जिनमें स्वर्ण पदक वेबर ने जीता था।
नीरज की यह वापसी सिर्फ तकनीकी नहीं, मानसिक रूप से भी प्रेरणादायक रही। टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर वह ऐसा करने वाले पहले एशियाई भाला फेंक एथलीट बने थे। इसके बाद उन्होंने 2023 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा और फिर पेरिस ओलंपिक में रजत पदक हासिल किया। लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन करते हुए नीरज ने खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ भाला फेंक खिलाड़ियों में शामिल कर लिया है।
खेल में उत्कृष्टता के पीछे सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि अनुशासित जीवनशैली और सटीक डाइट का भी बड़ा योगदान होता है। नीरज चोपड़ा इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। कभी पूर्ण रूप से शाकाहारी रहे नीरज अब प्रोटीन युक्त और बैलेंस्ड डाइट लेते हैं। उनका दिन नाश्ते में ओट्स, अंडे, फल और नारियल पानी से शुरू होता है। दोपहर को वे दही-चावल, दाल, सब्जियां और ग्रिल्ड चिकन लेते हैं, जबकि ट्रेनिंग के बीच चिया सीड्स, सूखे मेवे और फल उनके ऊर्जा स्रोत होते हैं। रात को उबली सब्जियां, सूप और सलाद लेते हैं और सोने से पहले दूध और खजूर से दिन खत्म करते हैं।
नीरज मानते हैं कि प्राकृतिक और संतुलित आहार ही फिटनेस की कुंजी है। उनका कहना है कि यह डाइट सिर्फ एथलीट्स के लिए नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी उपयोगी है, जो एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहते हैं। तले-भुने भोजन से परहेज और पौष्टिक विकल्पों की प्राथमिकता ही उनके निरंतर प्रदर्शन का मूल मंत्र है।