रामगढ़ । झारखंड में डबल इंजन की सरकार भाजपा ने चलाई। उससे पहले भी भाजपाई सत्ता में रहे लेकिन उन्होंने सिर्फ अपने व्यापारियों की सुरक्षा देखी। मैं झारखंड में सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा हूं। यही वजह है कि झारखंड की आधी आबादी को सम्मान दिया है। यह बात शनिवार को हजारीबाग के सिंदूर मैदान में आयोजित झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही।
हेमत सोरेन ने कहा कि सिर्फ 15 दिनों में दिन-रात एक कर पूरे राज्य की 42 लाख महिलाओं को इस योजना में जोड़ा गया है। यह आंकड़े भी अब पुराने हो चुके हैं। नया आंकड़ा एक नया रिकॉर्ड बना रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के 33 लाख बुजुर्गों को पहले से पेंशन सरकार दे रही है। अब मंईयां सम्मान योजना में हर महिला को 12,000 रुपये सालाना मिलेगा। जिस घर में तीन महिलाएं हैं और दो बुजुर्ग हैं तो सालाना 60,000 सरकार उनके घर में उनके खाते में भेज रही है। ऐसा कोई घर झारखंड में नहीं है, जहां सरकार की कोई न कोई योजना नहीं पहुंची हो। कोरोना की जंग में भी जनता ने सरकार को पूरा सहयोग किया। इन्हीं महिलाओं ने खाना बनाकर क्वॉरेंटाइन हुए मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराया है। आज झारखंड सरकार एक बेटी के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक की पूरी योजना रेखांकित कर चुकी है।
इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने झारखंडियों को ना तो राशन दिया और ना ही रोजगार। डबल इंजन की सरकार में लोग भूख से मरते थे लेकिन जब हमारी सरकार आई तो कोरोना जैसे संकट में सब कुछ बंद होने के बावजूद भी एक भी व्यक्ति भूख से नहीं मारा जबकि हमारे यहां ना तो बेहतर अस्पताल सुविधा थी और ना ही गांव में चिकित्सकों की मौजूदगी थी। इसके बावजूद हर गांव में आम नागरिकों के सहयोग से दवा उपलब्ध कराई गई जबकि दूसरे राज्यों में अफरा-तफरी मची थी और शव जलाने के लिए लकड़ी भी खत्म हो गई थी।
हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना कल में झारखंड सरकार के दो-दो मंत्रियों ने जनसेवा के दौरान जान गंवाई। आज स्वर्गीय जगन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी महिलाओं को सम्मान दिलाने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज भी झारखंड सरकार लगातार मुसीबत झेल रही है। बीजेपी ने राज्य को लूटने के लिए इस सरकार पर कई आरोप लगाए। मुझे झूठे आरोप में जेल भेज दिया। उनके वकील और जज सारे दोस्त हैं । वे झारखंड के आदिवासियों को मूर्ख समझते हैं और उन पर शासन करने का प्रयास करते हैं लेकिन मैने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी और कोर्ट ने उनके सारे मंसूबों को विफल कर दिया। उनके सारे आरोप झूठे निकले। जेल से निकलने के बाद मैं फिर से लोगों की सेवा में निकल चुका हूं।
सोरेन ने कहा कि आज झारखंड में गरीब गुर्बे रह रहे हैं और परिवार का आधा से ज्यादा बोझ महिलाएं उठा रही हैं। दसवीं कक्षा के बाद बेटियों को ब्याहने की तैयारी शुरू कर दी जाती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आप सभी अपने बेटे और बेटियों को पढ़ाइए, उनका सारा खर्चा सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ने के लिए बिना गारंटी के 15 लाख तक तक का लोन बैंक से मिलेगा। आज हर आदिवासी परिवार के बच्चों को शिक्षित होना बेहद जरूरी है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव पर भी अपना निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगले दो महीने बाद चुनाव होने वाला है। भाजपा और विपक्ष के लोग आएंगे। लोगों के बीच अपने षड़यंत्र का जाल बिछाएंगे लेकिन झारखंड की जनता को अभी से ही सतर्क हो जाना है। वे लोग बरसाती मेंढक की तरह आएंगे और कई तरह का प्रलोभन देंगे लेकिन उन लोगों से सावधान रहना है। यदि आप अपने परिवार को आगे बढ़ना चाहते हैं और इन सारी योजनाओं को आगे अनवरत रखना चाहते हैं तो इसी सरकार को दोबारा वापस लाना होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में मेहनतकश लोग रहते हैं। इसके बावजूद दूसरे राज्यों से मछली और मांस का आयात करना पड़ता है जबकि राज्य सरकार पशुपालन, मत्स्य पालन, कुकुट पालन के लिए लोगों को सहयोग कर रही है। लोग अपने घरों में सारे पशुओं को रखें और उसे अपने आमदनी का साधन बनाएं।
बीमा के साथ मिलेगा पशुधन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में लोगों को जानवर पालने के लिए मिला था लेकिन वह 6 महीने में मर गया और किसान संकट में आ गया। हमारी सरकार ने बीमा के साथ जानवर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यदि किसी बीमारी से जानवर की मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी वाले पूरी राशि का भुगतान करेंगे।
बहनों ने हेमंत को बांधी राखी, तो मिला रक्षाबंधन का सौगात : कल्पना
कार्यक्रम के दौरान कल्पना सोरेन मुर्मू ने भी राज्य सरकार और महिलाओं के बीच सीधा संबंध जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन अभी खत्म हुआ है और राज्य की महिलाओं ने हेमंत सोरेन को राखी बांधी है। आज इसकी सौगात मिली है। महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। जो पैसे महिलाओं को मिल रहे हैं उससे वह अपने बच्चों का फीस जमा कर सकती हैं। बुजुर्गों के लिए दवा खरीद सकती हैं और यहां तक की अपने स्वास्थ्य पर भी बेहतर ध्यान दे सकती हैं।