ढाका । बांग्लादेश रोहिंग्या घुसपैठ को नहीं रोक पा रहा। म्यांमार के रखाइन राज्य के माउंगडॉ से बड़ी संख्या में रोहिंग्या एजेंटों की मदद से नाव से नाफ नदी पार करके बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे हैं। एजेंट इन लोगों से मोटा पैसा ले रहे हैं। वह तटीय जिलों में विभिन्न शरणार्थी शिविरों में शरण ले रहे हैं।
ढाका से छपने वाले बांग्ला अखबार प्रोथोम अलो (अंग्रेजी संस्करण) की खबर के अनुसार, अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लगभग 14,000 रोहिंग्याओं ने पिछले सात-आठ दिन में उखिया के कई शिविरों में शरण ली है। इसके अलावा 60 हजार से 70 हजार रोहिंग्या बांग्लादेश में प्रवेश करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में एकत्र हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश और कोस्ट गार्ड के सदस्यों की बांग्लादेश-म्यांमार सीमा और नाफ नदी पर कड़ी निगरानी के बावजूद रोहिंग्याओं की अवैध घुसपैठ से स्थानीय नागरिक और जन प्रतिनिधि चिंतित हैं। माउंगडॉ टाउनशिप में सशस्त्र विद्रोही समूह, अराकान सेना और म्यांमार सुरक्षा बलों के बीच चल रही लड़ाई पिछले कुछ दिनों में तेज हो गई है। दोनों पक्ष मोर्टार, ग्रेनेड और बम का प्रयोग कर रहे हैं। कहीं-कहीं तो ड्रोन हमले भी किए जा रहे हैं।
टेकनाफ उप जिला निर्बाही अधिकारी एमडी अदनान चौधरी ने कहा कि रोहिंग्या सीमा के विभिन्न बिंदुओं से घुसपैठ कर रहे हैं। उनमें से बड़ी संख्या में नाफ नदी से वापस म्यांमार की ओर धकेले जा रहे हैं। नाफ नदी और सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है। बताया गया है कि विद्रोही अराकान सेना ने माउंगडॉ टाउनशिप से सटे पांच गांवों से करीब 60,000 रोहिंग्या को बेदखल कर दिया है। वर्तमान में रखाइन राज्य में तीन लाख से अधिक रोहिंग्या रह रहे हैं। अवैध रूप से पहुंचे 51 वर्षीय हाकिम अली ने बताया कि उसने चार सितंबर की रात को नाव से नाफ नदी पार की और शिविर में एक रिश्तेदार के कमरे में शरण ली। एजेंट एक व्यक्ति को नदी पार कराने के लिए 500,000 म्यांमार क्यात (18 क्यात = 1 टका) लेते हैं। एक नाव में 10-12 लोग ही सवार हो सकते हैं।