हम बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द होने नहीं देंगे: प्राचार्य
संताल एक्सप्रेस संवाददाता
पाकुड़। के.के.एम. बी.एड. कॉलेज, [स्थान] का राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा दी गई मान्यता कतिपय कारणों से तत्काल समाप्त कर दी गई है। इस निर्णय से संबंधित कॉलेज में अध्ययनरत सैकड़ों विद्यार्थियों का भविष्य संकट में आ गया है। जिला संयोजक सुमित पांडे ने बताया कि यह कॉलेज पाकुड़ जैसे पिछड़े और जनजातीय बहुल क्षेत्र में स्थित है। जहाँ के विद्यार्थी सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी उच्च शिक्षा की आकांक्षा लेकर बी.एड. पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते हैं। यह कॉलेज पाकुड़ जिले में एक मात्र सरकारी बीएड कॉलेज है।वर्तमान में मान्यता समाप्त हो जाने के कारण न केवल छात्रों का शैक्षणिक सत्र बाधित हो रहा है, बल्कि भविष्य में शिक्षकीय सेवाओं के लिए आवेदन की संभावना भी क्षीण होती दिख रही है। जिसे लेकर विद्यार्थी परिषद ने गहरी संवेदना और चिंताएं व्यक्त की है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस विषय को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए एवं विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय से यह निवेदन किया है कि अपने स्तर पर उचित पहल करते हुए कॉलेज की मान्यता पुनः प्राप्त कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए।वही अमित साहा ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में सबसे पिछड़ा जिला पाकुड़ में अभी तक पीजी,मेडिकल जैसे पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है । एकमात्र सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द हो जाना अत्यंत ही चिंता का विषय है। हो सकता है इसमें कोई राजनीति भी हो। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन सी टी ई ) के द्वारा कॉलेज को 2 महीने का समय दिए जाने के बावजूद भी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन द्वारा इस पर कोई पहल नहीं किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप इस कॉलेज की मान्यता को रद्द कर दिया गया।
कॉलेज मंत्री दुलाल दास ने बताया कि हम विश्वविद्यालय को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हैं यदि के के एम कॉलेज को पुनः बीएड की मान्यता नहीं मिली है तो कॉलेज में अनिश्चित काल के लिए ताला बंद करेंगे। वहीं प्राचार्य ने कहा की नोटिफिकेशन आया है । हम बीएड कॉलेज की मान्यता समाप्त नहीं होने देंगे। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है।
मौके पर गुंजन तिवारी,हर्ष भगत,संजय दत्ता,राहुल मिश्र,सागर रजक, बादल तिवारी,कमल समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।फोटो:-
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