रांची । झारखंड बीजेपी के चुनाव सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्व सरमा मिशन झारखंड में लगे हुए है। वो हर हफ्ते झारखंड के दौरे पर आते है। पिछले दो दिनों से वो रांची में जमे हुए है और बीजेपी के नेताओं से उनके घर पर जाकर मुलाकात कर रहे है। सोमवार को हेमंता ने चंपाई सोरेन और हेमंत सोरेन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चंपाई बड़े लीडर है उनसे पिछले 5-6 महीने से बातचीत हो रही थी, मै चाहता हूं कि चंपाई ही क्यों हेमंत सोरेन भी बीजेपी में आये।मीडिया के पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए हेमंता बिस्व सरमा ने कहा कि मै खुद चाहता हूं कि वो बीजेपी में आये और हमें ताकत दें, लेकिन वो इतने बड़े लीडर है, उनके बारे में मुझे टिप्पणी करना ठीक नहीं लगता है। वो दिल्ली आये है कोशिश करेंगे बातचीत करने का, ऐसे तो मेरा इनडायरेक्ट-डायरेक्ट बात होता है, लेकिन कभी मै उनके साथ पॉलिटिकल बातचीत नहीं किया हूं आज तक, पांच-छह महीना से ही मेरा उनसे कभी-कभी बातचीत होता रहता है, लेकिन मै कभी पॉलिटिकल बातचीत नहीं करता हूं, अब लगता है समय आ चुका है थोड़ा बहुत पॉलिटिकल बातचीत करना।मीडिया ने फिर हेमंता से सवाल किया कि जेएमएम द्वारा आप पर आरोप लगाया जाता है कि आप पार्टी को तोड़ रहे है, इसके जवाब में हेमंता ने कहा कि मै तो चाहता हूं कि हेमंत सोरेन जी भी बीजेपी में आए। बीजेपी का मतलब क्या है राष्ट्र भक्ति, मोदी जी के नेतृत्व में हेमंत सोरेन जी भी आए, पार्टी तोडऩे की क्या बात है हम लोग मिलकर काम करते है। झारखंड में घुसपैठियों को रोकने के लिए हम हेमंत सोरेन जी से भी बात करने के लिए तैयार है। हमें झारखंड को बचाना है कोई बीजेपी को नहीं बचाना है। हमारे लिए देश प्रथम है, बीजेपी तो बाद में है। आज झारखंड के सामने सबसे बड़ा समस्या है घुसपैठियों की समस्या। ये समस्या का समाधान अगर हेमंत सोरेन से करते है तो उनसे भी बात होगी। हेमंत सोरेन जी अपने नेतृत्व में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाये, हमें घुसपैठियों से झारखंड को बचाना है, इसमें अगर हेमंत सोरेन जी नेतृत्व देता है तो हमें कोई दिक्कत है। हम थोड़े ही यहां नेता बनने के लिए यहां आया है, हमारे पार्टी के किसी को नेता बनना नहीं है। हमारे पार्टी का यही मकसद है कि आपने जो चुनाव के समय वादा किया था उसको निभाईये और झारखंड को घुसपैठियों से बचाईये। अगर आज हेमंत सोरेन जी बोल देते है कि 31 सितंबर से पहले हम 5 लाख नौकरी पक्का कर देते है तो हो सकता है हम चुनाव भी नहीं लड़े। आदिवासी समाज को सबसे बड़ी समस्या घुसपैठ से हो रही है उसका समाधान कर लीजिये आगे की बात हमलोग बैठकर कर लेंगे।
WhatsApp Group जुड़ने के लिए क्लिक करें 👉
Join Now