महागामा : प्रखंड अंतर्गत भैंसावरन गांव की रहने वाली आंगनबाड़ी सेविका पार्वती मरांडी ने मिसाल पेश की है। आंगनबाड़ी सेविका को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है जिस कारण वे आर्थिक तंगी से जूझ रही थी बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया। उन्होंने दो कट्ठा जमीन पर बहुस्तरीय सब्जी खेती (मल्टी लेयर फार्मिंग) की शुरुआत कर अपनी आजीविका का नया रास्ता तलाशा।
बहुस्तरीय खेती से हो रही नियमित आमदनी
पार्वती मरांडी ने बताया कि उन्होंने अपनी खेती में लौकी, कद्दू, सेम, मिर्च, टमाटर, पालक और कोहड़ा जैसी सब्जियों की बहुस्तरीय पद्धति से खेती शुरू की है। खेत में ऊपर बेल वाली फसलें जैसे लौकी और कद्दू उगाई जाती हैं, जबकि नीचे के स्तर पर पालक और अन्य हरी सब्जियों की बुवाई की जाती है। इस तकनीक से कम जगह में अधिक उत्पादन संभव हो सका है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि इस खेती से वह एक बार में करीब 10,000 तक की आमदनी कर लेती हैं, जिससे उनके घर का खर्च और बच्चों की पढ़ाई भी सुचारू रूप से चल रही है।महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी पार्वती पार्वती मरांडी आज सिर्फ एक आंगनबाड़ी सेविका ही नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक जीवंत मिसाल बन चुकी हैं। वे बताती हैं कि सरकार से मिलने वाले वेतन में अनियमितता के कारण उन्हें वैकल्पिक आमदनी की जरूरत महसूस हुई और उन्होंने खेती को अपना सहारा बनाया। उन्होंने स्थानीय कृषि विभाग से मार्गदर्शन लेकर खेती की आधुनिक तकनीक सीखी और सफलतापूर्वक उन्हें जमीन पर उतारा।
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