कुलपति आंतरिक श्रोत से 6 महीने के लिए सातवें वेतनमान में वेतन भुगतान करे शुरू, सभी शिक्षकेतर कर्मी देंगे बंधेज पत्र : नेतलाल मिर्धा
दुमका ब्यूरो
दुमका। विगत 21 दिनों से जारी शिक्षकेतर कर्मियों के हड़ताल एवं तालाबंदी कार्यक्रम में सभी कर्मचारी अपने एक सूत्री मांग पर डटे हुए हैं। किसी भी परिस्थिति में बिना सातवां वेतन लिए कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं आने के लिए दृढ़ है। महासंघ के सचिव नेतलाल मिर्धा ने कहा कि पता नहीं वर्तमान कुलपति को आंतरिक श्रोत से सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण होने तक सातवें वेतनमान में वेतन भुगतान करने पर आपत्ति क्यों है? आखिर आंतरिक श्रोत क्या सिर्फ लाखों करोड़ों के क्रय के लिए ही है? अगर विश्वविद्यालय अपने आंतरिक श्रोत से अपने नियमित कर्मचारियों को उनके हक का वेतन नहीं दे सकती तो ऐसे आंतरिक श्रोत के हर खर्च का नियामवली तैयार किया जाना चाहिए ताकि आंतरिक श्रोत से मनमाने खर्च,भुगतान पर रोक लगाई जा सके। हमारे कुलपति वार्ता के लिए तो आए लेकिन आंतरिक श्रोत से वेतन भुगतान पर मौन रहे। क्या पूर्व के कुलपतियों ने जो आंतरिक श्रोत से हमारा हक दिया वो गलत था? श्री नेतलाल मिर्धा ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस भावना को कर्मचारी विरोधी बताया और कहा कि कुलपति की तानाशाही सोच और जिद ही हड़ताल की मुख्य वजह है। विश्वविद्यालय एक परिवार की तरह संस्था है और जो मुखिया अपने आश्रितों को उसका हक नहीं दे सकता उसे मुखिया रहने का कोई हक नहीं है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती हड़ताल जारी रहेगा। कुलपति हमें आंतरिक श्रोत से 6 महीने के लिए सातवें वेतनमान में वेतन भुगतान प्रारंभ करे इसके लिए हम सभी बंधेज पत्र देने के लिए तैयार हैं कि यदि 6 माह में उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा हमारे वेतन को अनुमोदित नहीं किया जाता है तो अधिक भुगतान की गई राशि को एकमुश्त,किश्तों में वसूल कर लिया जाए।