नई दिल्ली । भारती एयरटेल ने डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने 40 बैंकों, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को पत्र लिखा है। इसमें एयरटेल ने दावा किया है कि उसने एक ऐसा डेटाबेस तैयार करने की योजना बनाई है, जिसमें धोखाधड़ी वाले वित्तीय डोमेन की जानकारी होगी। इसके अलावा, एयरटेल ने डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने और सुरक्षित डिजिटल कामकाज को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी रखा है।
एयरटेल ने 15 मई को एआई आधारित सुरक्षा प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, जो धोखाधड़ी वाली वेबसाइट्स को रीयल-टाइम में ब्लॉक करता है। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया का पहला ऐसा प्लेटफॉर्म है। इसे सबसे पहले हरियाणा में शुरू किया गया और जल्द ही इसे पूरे भारत में लागू किया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल, वेब ब्राउजर और एसएमएस जैसे कई संचार माध्यमों पर काम करता है।
एयरटेल ने एनपीसीआई को पत्र लिखकर डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और सुरक्षित बनाने के लिए साझेदारी का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने एनपीसीआई के सीईओ को लिखे पत्र में कहा गया है कि दोनों संस्थान मिलकर धोखाधड़ी वाले डोमेन का डेटाबेस बना सकते हैं, जिससे ऐसी वेबसाइट्स को पहले ही ब्लॉक किया जा सके। इसके साथ ही, एयरटेल ने जागरूकता अभियान और वर्कशॉप के जरिए लोगों को फिशिंग और अन्य डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने की योजना बनाई है।
आरबीआई को लिखे पत्र में केंद्रीय बैंक के मुलेहंटरएआई सिस्टम की तारीफ की, जो अवैध लेनदेन वाले खातों की पहचान करता है। उन्होंने कहा कि एयरटेल का फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम इस पहल को और मजबूत कर सकता है। कंपनी ने ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म्स पर धोखाधड़ी के जोखिमों को लेकर चिंता जताई और सुझाव दिया कि वित्तीय लेनदेन सुरक्षित टेलीकॉम नेटवर्क पर ही होने चाहिए। एयरटेल ने रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया को भी टेलीकॉम धोखाधड़ी रोकने के लिए संयुक्त पहल का प्रस्ताव दिया था। बता दें देश में 2024 के पहले नौ महीनों में 1.7 मिलियन साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 11,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ।
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