नई दिल्ली । चिलचिलाती गर्मी के बाद अचानक दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदल गया। बादलों का एक समूह उत्तरी दिल्ली से दक्षिण-दक्षिणपूर्व की ओर बढ़ा, जिससे धूल भरी तेज आंधी चली और हवा की रफ्तार बढ़ गई। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस बदलाव के पीछे का कारण था वहां की अधिक गर्मी और उमस की स्थिति, जहां हीट इंडेक्स 50.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। उस दिन अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य औसत से थोड़ा अधिक था। वहीं, हवा में नमी भी 34 से 64 प्रतिशत के बीच बदलती रही। अब सवाल उठता है कि आखिर ज्यादा गर्मी पड़ते ही आंधी और बारिश कैसे आने लगती है? उत्तर भारत में इस बार यह पैटर्न लगातार देखने को मिल रहा है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि जब जमीन और हवा का तापमान तेजी से बढ़ता है, तो गर्म हवा ऊपर उठने लगती है। गरम हवा ऊपर जाने पर ठंडी और नमी वाली हवा उसकी जगह लेने आती है। इस प्रक्रिया से हवा का चक्र पूरा होता है। जैसे-जैसे गर्म हवा ऊपर उठती है, वह ठंडी होने लगती है और उसमें मौजूद नमी संघनित होकर बादलों का रूप ले लेती है। अगर हवा में नमी की मात्रा ज्यादा हो और हवा की गति तेज हो, तो ये बादल गरज और बारिश वाले बन जाते हैं। इन्हें कालबैसाखी या प्री-मॉनसून थंडरस्टॉर्म कहा जाता है। इस सिस्टम में अचानक तेज हवाएं चलती हैं, धूलभरी आंधी आती है और गरज-चमक के साथ हल्की या तेज बारिश भी होती है।
इस साल उत्तर भारत में यह घटना अधिक देखी जा रही है क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ अधिक बार सक्रिय हो रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ एक ठंडा मौसम प्रणाली है जो ईरान-अफगानिस्तान से आती है। जब यह गरम और नमी वाली हवा से टकराती है, तो तेज आंधी और बारिश होती है। अप्रैल-मई में तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जिससे गर्म हवा तेज़ी से ऊपर उठी। साथ ही बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी की आपूर्ति बनी रही, जिससे हर दो-तीन दिन में आंधी और बारिश हो रही है। कुछ जगहों पर तो ओले भी गिरे। हालांकि, हर दो-तीन दिन में आंधी और बारिश होना इस मौसम के हिसाब से सामान्य नहीं माना जाता, लेकिन इस साल मई में यह असामान्य रूप से हो रहा है। जलवायु परिवर्तन और पश्चिमी विक्षोभ की बढ़ती फ्रीक्वेंसी इसका प्रमुख कारण मानी जा रही है।
मई माह में आमतौर पर उत्तर, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बहुत गर्मी और लू चलती है, और गर्मी के कारण हवा में नमी बढ़ने से स्थानीय स्तर पर आंधी-तूफान की संभावना होती है। पर इस बार पिछले कुछ हफ्तों में उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार आंधी-तूफान और सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जिससे तापमान सामान्य या उससे कम बना हुआ है। दक्षिण और मध्य भारत में भी इस मई में असामान्य बारिश देखी गई है। कई इलाकों में 26 मई तक भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी है।
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