बजट से राज्य के गरीबों के चेहरों पर खुशी लाएगी सरकार
राज्य और राजनीति
चंदन मिश्र
देश और राज्य के लिए पेश होने वाले सालाना आम बजट बनाने की प्रक्रिया में आम लोगों से भी सलाह मांगी जाने लगी है। अच्छी और आमलोगों के हक के लिए मिलनेवाली सलाहों को राज्य के बजट में शामिल किया जाता है। झारखंड की पिछली हेमंत सरकार ने पिछली बार भी अपन बजट नामक एक ऐप जारी किया था। इस ऐप के माध्यम से लोगों के कई अच्छी सलाह और बेहतर सुझाव आए थे, जिन्हें सरकार ने अपने वार्षिक बजट प्रस्ताव में शामिल किया था, बल्कि अच्छी सलाह देनेवालों को सम्मानित कर उनकी हौसला अफजाई भी की थी। वर्ष 2025-26 के बजट के लिए हेमंत सरकार ने अबुआ बजट के नाम से ऐप जारी किया है। इस ऐप के माध्यम से आम लोगों से बजट पर सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। इधर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दो दिवसीय बजट पूर्व विचार विमर्श के लिए सरकार के विभागीय मंत्रियों, अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ मैराथन बैठक की। गुरुवार और शुक्रवार को दो दिनों तक लगातार बैठक कर लगभग सभी विभागों के अधिकारियों और विशेषज्ञों से बजट पर राय मशविरा लिया गया। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष के बजट में राज्य के अंदर समाज के सभी वर्ग के लोगों का ख्याल रखा जाएगा। गरीबों के चेहरों में खुशी लानी है, यही हेमंत सरकार के बजट का मूलमंत्र और संकल्प है। वित्त मंत्री ने कहा कि कई विशेषज्ञ दूसरे राज्यों से आए हुए थे। उन्होंने बजट चर्चा के दौरान कहा कि उनके राज्यों में बजट पर इतनी विस्तृत चर्चा और सलाह मांगने की कोई परंपरा नहीं है। आम लोगों से लिखित सुझाव मांगा जाता है। उनमें से कुछ सुझाव शामिल किए जाते हैं। लेकिन झारखंड में बजट पर लगातार दो दिनों तक चली चर्चा बहुत महत्वपूर्ण रही। इसमें लगभग सभी विभागों के बजट की जरूरतों पर विचार किया गया। योजनाएं आधारित बजट पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया। सरकार ने आगामी बजट चर्चा के दौरान राजस्व संग्रहण विभागों को निर्देशित किया है कि राजस्व संग्रह में अब कोई कोताही नहीं की जाय। ज्यादा से ज्यादा राजस्व संग्रह और उगाही की जाए, ताकि सरकार की सभी महत्वाकांक्षी योजनाएं समय पर लागू की जाएं। सरकार के सामने मईयां सम्मान योजना के लिए बड़ी राशि की जरूरत है। सालाना लगभग 18 हजार करोड़ रुपए की इसके लिए जरूरत पड़ेगी। यह अतिरिक्त वित्तीय बोझ को पूरा करने के लिए सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। बजट चर्चा में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्त और वाणिज्य कर अधिकारियों को बजट संग्रह के लिए विशेष निर्देश जारी किया है।