नई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर के संसद में जाति वाली टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के बीच राजनीति तेज हो चली है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के वार पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ. संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि संसद में किसी का नाम नहीं लिया गया, लेकिन विपक्ष के नेता को न जाने क्यों लगता है कि उनकी जाति पूछी गई।
बुधवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर वार करते हुए कहा कि वे पत्रकारों की जाति पूछ सकते हैं, हलवा सेरेमेनी में प्रशासनिक अधिकारियों की जाति पूछी जा सकती है, न्यायाधीशों की जाति पूछी जाति है, लेकिन विपक्ष के नेता की जाति नहीं पूछी जा सकती। इसके साथ हिन्दुस्तान की आर्मी में कितने फौजी किस जाति के हैं, इस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी से कोई जाति पूछ ले तो आपका अपमान हो जाता है। जो व्यक्ति से सबसे जाति पूछ रहे हैं और अगर कोई उनकी जाति पूछ ले ताे, इसमें क्या गड़बड़ी है। विपक्ष जातिगत जनगणना चाहते हैं, लेकिन संसद में जाति नहीं पूछी जा सकती है। संसद की तरह देश भी पवित्र है। अगर जाति नहीं पूछी जा सकती तो जातिगत जनगणना कैसे होगी?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि विपक्ष जातीय जनगणना कराना चाहता है और हर किसी की जाति पूछना चाहते हैं। फिर कहते हैं कि जाति पूछना गाली देने जैसा है। अनुराग ठाकुर ने जाति नहीं पूछी, उन्होंने कहा कि जिसे अपनी जाति नहीं पता वह जाति जनगणना की बात कर रहा है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं या पाखंड के नेता? उन्हें अपने पूर्वजों से पूछना चाहिए कि 1951 में जातीय जनगणना किसने रोकी थी? राजीव गांधी ने आरक्षण का विरोध किया था।
वे अब जाति की बात कर रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि ‘डिवाइडर-इन-चीफ राहुल गांधी जिनके राजीव गांधी फाउंडेशन में कोई भी दलित नहीं है, जिनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी ने आरक्षण की मांग करने वाले ओबीसी समुदाय को ‘बुद्धू’ कहा था’ – देश की जनता राहुल गांधी से पूछ रही है कि जब आप देश को जातियों और धर्मों में बांटने की बात कर रहे हैं और जब आपका बांटो और राज करो का एजेंडा सामने आ गया है तो आप चिंतित क्यों हो रहे हैं।