नई दिल्ली । हिंदुस्तान यूनिलीवर ने आइसक्रीम व्यापार के पुनर्गठन की संभावनाओं का आकलन करने स्वतंत्र निदेशकों की एक समिति गठित की है। कंपनी इस आइसक्रीन व्यापार को बेचने पर विचार कर सकती है। कई कंपनियों ने इसे खरीदने में दिलचस्पी भी दिखाई है। हिंदुस्तान यूनिलीवर के पोर्टफोलियो में क्वालिटी वॉल्स, कॉर्नेटो और मैग्नम जैसे ब्रांड्स शामिल हैं।
आरजे कॉर्प पहले से क्रीम बेल आइसक्रीम बेचती है, जो भारत के आइसक्रीम ब्रांडों में शुमार है। इसके पास 25 राज्यों में मैजूदा और 11 हजार पुश कार्ट हैं। वहीं एमएमजी ग्रुप जो उत्तर और पूर्वी भारत में मैकडॉनल्ड्स चलाता है और कोका-कोला के लिए फ्रैंचाइजी बॉटलर है। इसका आइसक्रीम और फ्रोजन डेसर्ट में बैक-एंड तालमेल है। नेस्ले इंडिया ने पिछले दशक में ग्लोबल आइसक्रीम ब्रांड मोवेनपिक को बेचा था। कंपनी नेस्ले की भारतीय यूनिट भी इसे खरीदने में दिलचस्पी दिख रही है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर के आइसक्रीम व्यापार में प्रमुख ब्रांड्स जैसे क्वालिटी वॉल्स, कॉर्नेटो और मैग्नम शामिल हैं। कंपनी की सालाना 60 हजार करोड़ की बिक्री में आइसक्रीम बिजनेस की हिस्सेदारी करीब तीन फीसदी है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर की पैरेंट कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी आइसक्रीम निर्माता है, जिसमें बेन एंड जेरी और मैग्नम जैसे ब्रांड्स शामिल हैं। भारतीय आइसक्रीम बाजार वित्त वर्ष 2025 तक पांच बिलियन को पार करने की उम्मीद है, जबकि 2023 में यह 3.4 बिलियन का था।
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