नई दिल्ली । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन का निधन हो गया है। 81 साल की उम्र में राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन के निधन पर राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही शोक व्यक्त किया गया। आसन से उपसभापति हरिवंश ने शिबू सोरेन को वरिष्ठ और विशिष्ट आदिवासी नेता बताया और उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही 5 अगस्त को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश ने सदन को मौजूदा सदस्य शिबू सोरेन के निधन की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि 11 मई 1944 को हजारीबाग जिले के गोला गांव में जन्में शिबू सोरेन की शिक्षा गोला हाईस्कूल हजारीबाग में हुई। वह मैट्रिक पास थे और पेशे से किसान थे। उपसभापति ने कहा कि वह झारखंड के सामाजिक राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रभावशाली और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। शिबू सोरेन एक वरिष्ठ और विशिष्ट आदिवासी नेता थे। उन्होंने आगे कहा कि दिशोम गुरु के रूप में जाने जाने वाले, आम लोगों में गुरुजी के रूप में लोकप्रिय, आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उत्थान के आंदोलन में एक प्रमुख स्वर शिबू सोरेन एक जमीनी कार्यकर्ता थे। हरिवंश ने कहा कि झारखंड राज्य की स्थापना के आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
वे इस नवगठित राज्य के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बने। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने आजीवन वंचितों के अधिकारों और कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम किया। राज्यसभा में उपसभापति ने कहा कि शिबू सोरेन ने आठ बार लोकसभा सदस्य के रूप में झारखंड की जनता का निष्ठा और ईमानदारी से प्रतिनिधित्व किया. वे वर्ष 2005 से 2010 के बीच तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने 2004 से 2006 तक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया. वे तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे, जिसमें उनका वर्तमान कार्यकाल भी शामिल है। उपसभापति ने कहा कि अपने लंबे और विशिष्ट संसदीय जीवन में सोरेन ने विशेष रूप से सामाजिक न्याय, आदिवासी कल्याण और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर बहस और चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन के निधन से देश ने एक अनुभवी सांसद, आदिवासी अधिकारों के प्रबल पैरोकार और एक अत्यंत सम्मानित जनप्रतिनिधि खो दिया है। शिबू सोरेन की स्मृति में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद उपसभापति ने शिबू सोरेन के सम्मान में सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।