राष्ट्रपति ने धनबाद आईआईटी (आईएसएम)के 45वें दीक्षांत समारोह में लिया हिस्सा
धनबाद । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को धनबाद स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) (आईएसएम) के 45वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया और 37 गोल्ड मेडलिस्ट छात्र-छात्राओं को मेडल और डिग्रियां प्रदान कीं। उन्होंने संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकट भी जारी किया। कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने धनबाद स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सबसे पहले यहां मौजूद छात्र-छात्राओं को बधाई दी, साथ ही उनके अभिभावकों और शिक्षकों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा का आज का दिन इन छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज से ये एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे है, जो नौकरी, उच्च शिक्षा, नवाचार या उद्यमिता की दिशा में हो सकती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को कहा कि आगे जीवन में वह व्यक्तिगत उन्नति नहीं, बल्कि सामूहिक विकास के लिए प्रयास करें, तभी वर्ष 2047 तक हमारा विकसित राष्ट्र का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
राष्ट्रपति ने आईआईटी (आइएसएम), धनबाद के लगभग 100 वर्षों की गौरवशाली विरासत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य खनन एवं भू-विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना था, लेकिन समय के साथ संस्थान ने अपने शैक्षणिक दायरे को बढ़ाया और अब यह संस्थान विभिन्न क्षेत्रों में भी उच्च शिक्षा और अनुसंधान का एक अग्रणी केंद्र बन चुका है।
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से घनिष्ठ संबंध है। क्योंकि 6 वर्षों से ज्यादा वह यहां के राज्यपाल के तौर पर रहीं और यहां के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षांत समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हमें अर्थनीति में अग्रणी होना है, लेकिन अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने ‘वसुदेव कुटुंबकम’ की बात करते हुए छात्रों से भारतीय जीवन दर्शन को अपनाने का आह्वान किया। भविष्य में तकनीक के खतरे से आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि गूगल, चैट-जीपीटी, ग्रौक जैसे एप्लीकेशन को हम अपना गुरु बना रहे हैं, ये सभी हानिकारक (डिस्ट्रक्टिव) गुरु हैं, जिनसे हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि दीक्षांत समारोह के दौरान आईआईटी (आइएसएम) के कुल 1880 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। जिसमें 37 छात्र-छत्राओं को गोल्ड मेडल, 35 छात्र-छत्राओं को सिल्वर मेडल और 21 छात्र-छात्राओं को अन्य पुरस्कार दिए गए।