संताल एक्सप्रेस संवाददाता
श्रीराम भगत
अमड़ापाड़ा (पाकुड़) । अंचल क्षेत्र में संचालित पचुवाड़ा नार्थ कोल परियोजना से बीते चार दिनों से ठप पड़े कोयला खनन और परिवहन कार्य को फिर से शुरू कराने को लेकर गुरुवार को त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई ।यह बैठक विशनपुर स्थित पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन कॉलोनी के सभागार में जिला प्रशासन, कोल प्रबंधन और विस्थापित ग्रामीणों की संयुक्त उपस्थिति में संपन्न हुई। बैठक में ग्रामीणों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और स्थानीय स्तर पर रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग रखी,इसके साथ ही उन्होंने माइंस स्वीकृति के समय किए गए एमओयू के अनुरूप स्थायी निगरानी समिति गठित करने की भी बात कही, जो मासिक बैठक कर क्षेत्रीय समस्याओं पर विचार करेगी और निर्णयों से विस्थापितों को अवगत कराएगी करीब दो घंटे चली वार्ता में सहमति बनी कि माइंस क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए एमओयू के अनुरूप समिति का गठन किया जाएगा और ग्रामीणों की प्राथमिक मांगों पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा।इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि गुरुवार रात से ही कोयला खनन और परिवहन कार्य दोनों को बहाल कर दिया जाएगा। इस फैसले के साथ ही ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा आंदोलन समाप्त हो गया। गौरतलब है कि कोल परियोजना की आवंटी कंपनी पश्चिम बंगाल पॉवर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और एमडीओ बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा लिमिटेड के खिलाफ नार्थ कोल ब्लॉक के विस्थापित गांवों के ग्रामीण बीते चार दिनों से आंदोलनरत थे। उनका आरोप था कि माइंस संचालन से पूर्व जो वादे किए गए थे, उन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया। इसी को लेकर ग्रामीणों ने कोयला खनन और परिवहन कार्य को पूरी तरह बंद कर दिया था।बैठक में अपर समाहर्ता जेम्स सुरीन, एसडीओ साइमन मरांडी, सीओ औसाफ अहमद खां, एसडीपीओ विजय कुमार, थाना प्रभारी अनूप रौशन भेंगरा, डब्लूपीडीसीएल के महाप्रबंधक रामाशीष चटर्जी, बीजीआर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनिल रेड्डी के अलावा विस्थापित गांवों के ग्रामीण प्रतिनिधि रंजन मरांडी, प्रधान मुर्मू, आंद्रियास मुर्मू, सुरेश टुडू, रमेश मुर्मू, नाजिर सोरेन, वकील बेसरा, सनातन हेम्ब्रम, महातन टुडू, जॉन हांसदा, मुन्ना टुडू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।