रांची । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आरक्षी सुनील धान ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, हम उनकी शहादत को नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक शहीद परिवार की पीड़ा को गहराई से समझती है। झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने आवासीय कार्यालय में झारखंड जगुआर (एसटीएफ) के बलिदानी आरक्षी सुनील धान के परिजनों से मुलाकात के दौरान ये बातें कहीं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री सोरेन ने बलिदानी आरक्षी सुनील धान के परिजनों को सम्मान राशि के रूप में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, पुलिस सेलरी पैकेज के अंतर्गत निर्गत 1 करोड़ 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि का चेक सौंपा जबकि गृह विभाग ने 1 करोड़ 46 लाख 26 हजार 972 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में भेजी।
मुख्यमंत्री सोरेन ने बलिदानी जवान के परिजनों से बातचीत की और उनकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बलिदानी के परिजनों के साथ सदैव खड़ी है। आरक्षी सुनील धान जी ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, हम उनकी शहादत को नमन करते है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक शहीद परिवार की पीड़ा को गहराई से समझती है। झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा। उन्होंने शहीद के परिजनों का हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने बहादुर आरक्षी सुनील धान के परिवार के साथ है। हमारी सरकार शहीद के बलिदान के सम्मान में उनके परिजनों को हरसंभव मदद करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने शहीद आरक्षी सुनील धान की माता फगनी उराइन, पत्नी गंदरी धान और दो पुत्र प्रियांश धान और अनिकेत धान सहित अन्य परिजनों ने संवाद कर पारिवारिक स्थिति की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने परिजनों से कहा कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने शहीद आरक्षी सुनील धान की पत्नी से कहा कि राज्य सरकार के प्रावधान के तहत आप चाहें तो अनुकंपा पर सरकारी नौकरी कर सकती हैं। शहीद की पत्नी ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके बच्चे अभी काफी छोटे हैं। आने वाले दिनों में वे नौकरी करने के संबंध में विचार करेंगी।
हिम्मत और धैर्य के साथ आगे बढ़ें, सरकार आपके साथ-
मुख्यमंत्री ने शहीद की पत्नी से कहा कि आप सभी परिजन हिम्मत और धैर्य के साथ आगे बढ़ें, राज्य सरकार सदैव आपके दुःख-सुख में साथ खड़ी रहेगी। मुख्यमंत्री से शहीद आरक्षी सुनील धान की माता फगनी उराइन ने कहा कि खूंटी जिला स्थित कर्रा प्रखंड के कांटी पोहरा टोली में उनका पुश्तैनी घर है, जहां आय के लिए खेतीबाड़ी के साधन उपलब्ध है। मौके पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहीद के परिजनों को मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ उन्हें शीघ्र प्रदान किए जाएं। पेंशन सहित अन्य लाभ से परिजनों को जोड़ें। मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि पेंशन राशि दिए जाने से संबंधित प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अगले महीने से संबंधित परिजनों को पेंशन राशि मिलना प्रारंभ हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 12 अप्रैल 2025 को चाईबासा जिला अंतर्गत छोटानागरा थाना क्षेत्र के रातामाटी गांव के घने जंगल में नक्सलियों के विरुद्ध विशेष छापामारी अभियान के दौरान आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से झारखंड जगुआर के एजी 11 में प्रतिनियुक्त आरक्षी 361 सुनील धान गंभीर रूप से जख्मी हो गए, उन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया। जहां इलाज के क्रम में 12 अप्रैल को वे वीरगति को प्राप्त हुए।
इस दौरान प्रधान सचिव गृह विभाग वंदना दादेल, डीआईजी झारखंड जगुआर इंद्रजीत महथा, सीनियर डीएसपी झारखंड जगुआर सुनील कुमार रजवार, उप महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक रांची अंचल मनोज कुमार, मुख्य प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक विकास कुमार पांडे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।