छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़, कई दिनों से बंद है विद्यालय में एमडीएम
एक शिक्षक के जिम्मे है कक्षा एक से अष्टम
धनंजय हलदार
राजमहल-राजमहल प्रखंड क्षेत्र में टीन से बने जर्जर एक विद्यालय की स्थिति बहुत खराब है.विधालय पढ़ने वाले बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.साथ ही कई दिनों से मध्यान भोजन बंद है. जिसके कारण छात्र-छात्राओं को विद्यालय में भोजन नहीं मिल पा रहा है.मजे की बात यह है कि आखिर बच्चों के मध्यान भोजन क्यों और कब से नही मिल रहा है इस मामले की जानकारी विभाग के अधिकारियों को नही है.कुल मिलाकर कहे तो जिले के पठारी व दियारा क्षेत्रों में संचालित विद्यालय में क्या हो रहा है,कौन क्या कर रहा है इससे विभाग व सिस्टम बेफिक्र है.मामला राजमहल प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी नारायणपुर पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय कॉलोनी नंबर 4 राजमहल का है.विद्यालय का छत व दीवार टीन का बना हुआ है. जो जर्जर स्थिति में है.विद्यालय में बिजली की सुविधा नही है.शौचालय की स्थिति भी दयनीय है.स्कुली बच्चे शौचालय का उपयोग नही करते है. इस विद्यालय की स्थापना 1996 में हुआ था. और इस विद्यालय में वर्ग एक से अष्टम तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाता है. विद्यालय में एकल शिक्षक है जिसका नाम मुकुल चंद्र कीर्तनीय है. यानि एक शिक्षक के जिम्मे कक्षा एक से अष्टम तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेवारी हैं.विद्यालय में वर्ग एक में दो, वर्ग 2 में पांच , वर्ग 3 में दो, वर्ग 4 में पांच , वर्ग 5 में पांच, वर्ग 6 में पांच, वर्ग 7 में तीन एवं वर्ग 8 में दो छात्र छात्राएं है. शुक्रवार को विद्यालय में 21 छात्रों उपस्थित थे. 10:30 बजे तक छात्र-छात्राओं का उपस्थिती पंजी में हाजरी तक नहीं बना हुआ था.स्थानीय लोगो ने बताया कि विद्यालय नदी के बीचो-बीच टापू में होने के कारण वर्ष में तीन-चार बार ही सीआरपी विद्यालय निरीक्षण करने के लिए पहुंचते हैं. कभी इस विद्यालय में सैकड़ों छात्र-छात्राएं पठन-पाठन करते थे. परंतु आज महज 29 बच्चे ही विद्यालय में अध्यनरत हैं.मामला जो भी हो शिक्षा के मामले में इस तरह की लापरवाही बरतना कहां तक उचित है.अगर ऐसा होता रहेगा तो बच्चे देश का भविष्य कैसे बनेगे

विद्यालय के शिक्षक ने कहा…
राजमहल- विद्यालय की सहायक शिक्षक मुकुल चंद्र कीर्तनीय ने बताया कि विद्यालय में लगभग दो वर्ष पहले रंग रोहन का कार्य किया गया था. विद्यालय के सामने जो विद्यालय का नाम लिखा था.वह मिटा दिया गया और आज तक उसमें नाम नहीं लिखा गया. विद्यालय काफी जर्जर स्थिति में है. विकास कार्य के लिए जो भी विद्यालय में फंड आता था. उसका सारा पैसा जो प्रधान शिक्षक कृष्ण कुमार पांडे थे. वहीं इसके बारे में पूरा बता पाएंगे. मार्च महीना में उन्हें विभागीय द्वारा अन्य स्कूलों में ट्रांसफर किया गया है. और अभी तक मुझे आंशिक प्रभार दिया गया है. संयोजिका का घर राजमहल होने के कारण कई दिनों से विद्यालय में मध्य भोजन नहीं बन पा रहा है. वहीं विद्यालय के वर्ग 6 के दो छात्रों से जब विद्यालय का नाम पूछा गया तो दोनों बच्चे विद्यालय का नाम नहीं बता पाए. जाहिर से बात है जब विद्यालय का नाम विद्यालय में नहीं लिखा होगा तो छात्र-छात्राओं को विद्यालय का नाम कहां से पता होगा.
क्या कहते हैं बीपीओ
राजमहल – राजमहल के बीपीओ कुणाल किशोर ने बताया कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएंगा. किसी भी हालत में मध्यान भोजन बंद नहीं किया जा सकता है. छात्र-छात्राओं को पौष्टिक आहार नहीं देना यह गंभीर विषय है. विद्यालय के सामने विद्यालय का नाम नहीं लिखा होना यह गंभीर विषय है. साथ ही सीआरपी विद्यालय में लगातार नहीं पहुंचते हैं. एवं प्रधान शिक्षक कृष्ण कुमार पांडे अभी तक सहायक शिक्षक को प्रभार नहीं दिया है. सभी बिंदुओं को लेकर जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
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