केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में रखे विचार
नई दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य है और अगले 30 सालों तक दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि देश ने 6-7 फीसदी की निरंतर वृद्धि दर बनाए रखी है और स्थिर कीमतों पर इसे 8 फीसदी तक ले जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि आज भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जो करीब 690 अरब डॉलर है। पिछले तीन महीनों से हमारी मुद्रास्फीति 4 फीसदी से नीचे बनी हुई है। रिजर्व बैंक ने लिक्विडिटी और मुद्रा प्रबंधन को संतुलित करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। केंद्रीय मंत्री ने भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में उजागर किया। उन्होंने कहा कि पिछले 20-25 सालों में भारतीय कंपनियों ने लगभग 20 फीसदी सीएजीआर का रिटर्न दिया है, जिससे भारत एक अहम निवेश गंतव्य बन गया है। हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों के माध्यम से विकास पथ पर वापस आ गए हैं।
उन्होंने विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर प्रगति की जानकारी दी, जिसमें यूएई, ऑस्ट्रेलिया, यूके, चार ईएफटीए देश और अमेरिका के साथ चल रहे द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका के साथ अपने द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर आगे बढ़ रहे हैं और यूरोपीय संघ के 27 देशों के समूह के साथ प्रगति कर रहे हैं। हमने न्यूजीलैंड के साथ भी बातचीत शुरू की है। ईएफटीए देशों ने अगले 15 सालों में भारत में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
इसके कुल 500 अरब डॉलर के निवेश में तब्दील होने की उम्मीद है। इसके अलावा इस निवेश के इर्द-गिर्द जो बड़ा इकोसिस्टम बनाया जाएगा, उसमें 500 अरब डॉलर अतिरिक्त आकर्षित करने की क्षमता है। गोयल ने कहा कि हम छोटे लक्ष्य नहीं रख रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस आंकड़े में नॉर्वेजियन पेंशन फंड से निवेश शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया का पहला मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है। उन्होंने भारत की निरंतर आर्थिक प्रगति पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी होगी।