भीड़ ने की स्कूल में तोडफ़ोड़, आरोपी गिरफ्तार, सरकार ने एसआईटी बनाई
मुंबई । कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के बीच ठाणे के बदलापुर में दो बच्चियों से स्कूल में यौन-शोषण का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी सामने आने के बाद गुस्साई भीड़ और पुलिस के बीच मंगलवार को झड़प हुई। भीड़ ने पहले स्कूल में तोडफ़ोड़ की उसके बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें रोकीं। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, जिसके बाद लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। घटना में कई लोग घायल हुए हैं। 23 साल के आरोपी ने 16 अगस्त को स्कूल के बाथरूम में बच्चियों के साथ यौन-शोषण किया था। बच्चियों के पेरेंट्स ने एक दिन बाद एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। इलाके की महिला इंस्पेक्टर शुभदा शितोले का ट्रांसफर कर दिया गया है। स्कूल प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला कर्मचारी को निलंबित किया गया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने को कहा गया है। मंगलवार सुबह 8 बजे घटना से गुस्साए लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों पर खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे। कई ट्रेनों को रोका गया। पुलिस ने भीड़ में काबू पाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस पर भी पथराव हुआ है। दूसरी तरफ लोगों ने स्कूल के अंदर घुसकर प्रदर्शन और तोडफ़ोड़ की। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सुबह 9 बजे से शुरू हुए लोगों के विरोध-प्रदर्शन की वजह से कल्याण- बदलापुर लोकल ट्रेन सर्विस ठप पड़ी है। कई संगठनों ने आज विरोध में बदलापुर बंद का ऐलान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा- 10 साल पहले दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था और दोषियों को सजा मिली थी, लेकिन कितने समय बाद? न्याय में देरी करने वालों को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए। इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने कहा- यह घटना महाराष्ट्र को शर्मसार करने वाली है। हर कोई मांग कर रहा है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक पर हो और आरोपियों को तीन महीने के भीतर फांसी दी जाए। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर लिखा- बदलापुर के स्कूल में छोटी बच्चियों के साथ हुई घटना स्तब्ध करने वाली है। पुलिस को इसमें केस दर्ज करने में 12 घंटे क्यों लग गए? एक तरफ कानून का राज कहते हैं और दूसरी तरफ पुलिस की ये कैसी ढिलाई? मेरे महाराष्ट्र के सैनिकों ने इस मुद्दे को उठाया है।