सुमन सिंह
दुमका । झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर दलों के अंदर प्रत्याशी चयन काम चल रहा है।प्रत्याशी को लेकर कई दलों ने सर्वे कराया है तो कई दल अपने कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे है।संताल परगना में सभी 18 सीटों पर भाजपा की टक्कर इंडी गठबंधन के प्रत्याशियों से होता रहा है।2024 के विधानसभा चुनाव में भी संताल परगना की सीटों पर एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होना तय माना जा रहा है।यही वजह है कि इस चुनाव में सभी दल बहुत ही ठोक बजा कर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे हैं।संताल परगना के दुमका जिले में चार विधानसभा सीटों की चर्चा करें तो इस चुनाव में प्रत्याशी के मामले में कई नए बदलाव देखने को मिलेंगे।अलग अलग दलों से कई नए चेहरे चुनाव मैदान में दिखेंगे।दुमका जिले में 2019 के चुनाव में 4 सीटों में 3 सीटों दुमका, जामा और शिकारीपाड़ा में झामुमो की जीत हुई थी,वही एक जरमुंडी सीट पर कांग्रेस के बादल जीते थे।दुमका की सभी चार सीटों पर झामुमो-कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से ही हुआ था।जिले की सभी चार सीटों पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा था।2019 के चुनाव में दुमका सीट से हेमंत सोरेन जीते थे।चूंकि हेमंत सोरेन दुमका के साथ बरहेट सीट से भी जीते थे,इसलिए उन्होंने दुमका सीट खाली कर दिया।इस सीट पर 2020 में जब उपचुनाव हुआ तो उपचुनाव में भी भाजपा की हार हुई और हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन उपचुनाव जीत कर विधायक निर्वाचित हुए थे।2024 के विधान सभा चुनाव में दुमका विधान सभा क्षेत्र में परम्परागत प्रतिद्वंदी दलों भाजपा और झामुमो के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है।2019 के विधान सभा चुनाव और 2020 के उपचुनाव में झामुमो की जीत के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में दुमका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को करीब 10 हजार की लीड मिली है।दुमका लोकसभा चुनाव में भले ही झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन की जीत हुई है पर दुमका विधानसभा क्षेत्र में लीड भाजपा की हुई है।इस लीड से उत्साहित भाजपा में दुमका सीट से टिकट के लिए कई दावेदार सामने हैं।भाजपा में टिकट को लेकर कई चुनाव पूर्व सर्वे के साथ ही कई स्तर पर व्यापक विमर्श के बाद अंत में दिल्ली में फैसला होता है।लिहाजा भाजपा टिकट के दावेदार रांची से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं।डॉ लुईस मरांडी,गुंजन मरांडी,डॉ अंजुला मुर्मू और मार्शल ऋषिराज टुडू सहित कई नेता दुमका से भाजपा टिकट के दावेदार हैं पर बड़े नेताओं को एसटी सीट से चुनाव लड़ाने की पार्टी की रणनीति के तहत प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व सांसद सुनील सोरेन में किसी नेता को दुमका सीट को जीतने के लिए उतारा जा सकता है।
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डॉ. लुईस मरांडी
दुमका विधान सभा क्षेत्र से भाजपा टिकट के दावेदारों में सर्व प्रमुख नाम डॉ. लुईस मरांडी का है।डॉ लुईस मरांडी 2009 में पहली बार विधान सभा का चुनाव लड़ी थीं पर झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन से हार गई थीं।2014 के विधान सभा चुनाव में भाजपा टिकट से डॉ लुईस मरांडी दोबारा चुनाव लड़ी और हेमंत सोरेन को हरा कर विधायक बनीं।रघुवर सरकार में मंत्री बनीं।2019 के विधान सभा चुनाव में डॉ लुईस मरांडी झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन से मंत्री रहते हुए हार गईं।2020 के उपचुनाव में भाजपा ने पुनः डॉ लुईस मरांडी को टिकट दिया पर वे नहीं जीत सकीं।वे हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन से चुनाव हार गईं।अब 2024 के विधानसभा चुनाव में भी डॉ. लुईस मरांडी टिकट की दावेदार हैं।
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गुंजन मरांडी
दुमका विधान सभा क्षेत्र से भाजपा टिकट के प्रमुख दावेदारों में दूसरा नाम गुंजन मरांडी का है।गुंजन मरांडी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता और सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के सीनेटर रह चुके हैं और भाजपा में युवा नेता के रूप में सक्रिय हैं।गुंजन मरांडी राजनीतिक परिवार से आते हैं।उनके दादा महादेव मरांडी दुमका से विधायक और अविभाजित बिहार में कर्पूरी ठाकुर सरकार में मंत्री रह चुके थे।गुंजन मरांडी सनातनी संताल जनजाति से हैं और दिग्गज भाजपा नेता रघुवर दास के करीबी हैं।2020 के दुमका उपचुनाव में भी गुंजन मरांडी टिकट के दावेदार थे पर पार्टी ने डॉ.लुईस मरांडी पर भरोसा किया था।
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डॉ. अंजुला मुर्मू
दुमका सीट से भाजपा टिकट के प्रमुख दावेदारों में तीसरा नाम डॉ अंजुला मुर्मू का है।वे सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका में अंग्रेजी विभाग में प्राध्यापक हैं। डॉ मुर्मू प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की करीबी हैं।2019 के विधान सभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी ने डॉ अंजुला मुर्मू को झाविमो के टिकट पर दुमका सीट से चुनाव लड़वा चुके हैं।झाविमो के भाजपा में विलय के बाद डॉ अंजुला मुर्मू भाजपा महिला मोर्चा में सक्रिय हैं।
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मार्शल ऋषिराज टुडू
शिक्षा विभाग की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आए मार्शल ऋषिराज टुडू भाजपा संगठन में कई पदों पर कार्य कर रहे हैं। 2019 में दुमका विधान सभा क्षेत्र से जदयू के टिकट से चुनाव लड़ चुके हैं।उनकी मां नयनतारा सोरेन भी राजनीति में थीं और 1990 में भाजपा के टिकट पर शिकारीपाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं।
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