नई दिल्ली । नए वक्फ कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। इसकी आग अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) तक पहुंच गई है। जेएनयू में वक्फ कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुआ है। इस प्रदर्शन में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी की गई। खास बात यह है कि इस प्रदर्शन के लिए कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई, वाम संगठन पीएसस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का छात्र संगठन सीआरजेडी एक मंच पर आ गए हैं।
छात्र संगठनों ने प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करते हुए कहा कि वह वक्फ पर हमला नहीं सहेंगे। प्रदर्शनकारियों ने मोदी-शाह के खिलाफ नारे लगाए। नारेबाजी के अलावा उन्होंने जेएनयू कैंपस में नए वक्फ कानून की कॉपी भी जलाई। जेएनयू में इस प्रदर्शन का आयोजन फ्रेटरनिटी मूवमेंट ने किया था। इसमें पीएसए के अलावा कई और छात्र संगठनों ने भी हिस्सा लिया।
प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि केंद्र सरकार मुस्लिम विरोधी धारणा से काम कर रही है। नए बिल के आधार पर सरकार मुसलमानों को परेशान करना चाहती है। इस कानून में कई ऐसी कमियां हैं, जिसके बाद यह लोग मुसलमानों की मस्जिदों और कब्रगाहों पर भी हक जताने लगेंगे। इसलिए इस कानून को लेकर कैंपस में विरोध किया गया। छात्रों का कहना है कि जिस तरह देशव्यापी प्रदर्शन के बाद इस सरकार को कृषि कानून वापस लेना पड़ा था, वैसे ही कानूनी तरीके से और सड़कों पर प्रदर्शन के जरिए लोग अपनी मांगे जारी रखेंगे, ताकी मौजूदा सरकार इस नए वक्फ कानून को भी वापस ले सके।
इस तरह के प्रदर्शन पहले तब देखे गए थे, जब एनडीए की सरकार ने नया कानून बनाया था। एक बार फिर से वक्फ बिल के कानून बनने के बाद जेएनयू कैंपस में इसका विरोध जोरदार तरीके से शुरू हो गया है।
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