एक माह की दवा का खर्च 14 हजार से ज्यादा
नई दिल्ली । अमेरिका की दिग्गज फार्मा कंपनी एली लिली ने डायबिटीज और मोटापे की दवा भारत में लॉन्च कर दी है। इस बहुप्रतीक्षित दवा का नाम मुनुजेरो (टिरजेपेडिट) है। इस दवा को सिंगल-डोज शीशी में लॉन्च किया है। कंपनी का कहना है कि उसने इसके लिए केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी भी ले ली है। कंपनी का कहना है कि यह दवा मोटापा, ज्यादा वजन और टाइप 2 डायबिटीज के लिए पहली बार तैयार की गई है। भारत में करीब 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज के मरीज हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुनुजेरा की 2.5 मिलीग्राम की एक शीशी की कीमत 3,500 और 5 मिलीग्राम शीशी की कीमत 4,375 रुपए है। यह दवा हफ्ते में एक बार लेनी होती है। यानी इस दवा का खर्च महीने में 14 हजार से 17,500 तक होगा। हालांकि यह खर्च डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करेगा कि वे कितनी खुराक लेने को कहते हैं। अमेरिका में मुनुजेरा की औसत कीमत 1,000–1,200 डॉलर यानी करीब 86 हजार से 1 लाख रुपए हर महीना है। इसके मुकाबले भारत में यह दवा काफी सस्ती है।
कंपनी का कहना है कि यह दवा ग्लूकोज-डिपेंडेंट इंसुलिनोट्रोपिक पॉलीपेप्टाइड और जीएलपी-1 (ग्लुकागन-लाइक पेप्टाइड-1) हार्मोन रिसेप्टर्स दोनों को सक्रिय करती है। भारत में इस दवा की कीमत कम रखने का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह दवा पहुंच सके। देश और दुनिया में डायबिटीज और मोटापे को कंट्रोल करने के लिए जीएलपी-1 क्लास की दवाओं की मांग बढ़ गई है। इसका बाजार अरबों डॉलर का है।
इस क्लास की एक मुख्य दवा सेमाग्लूटिड, का पेटेंट अगले साल मार्च में खत्म हो जाएगा। इसके बाद भारतीय दवा कंपनियां इसके जेनेरिक वर्जन लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इन दवाओं की मांग इसलिए ज्यादा है क्योंकि इनसे वजन कम करने में काफी मदद मिलती है। मोटापा से 200 से ज्यादा स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। 2023 तक भारत में करीब 10 करोड़ लोग मोटापे से प्रभावित थे।
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